वक्त के साथ शरीर और चेहरे में कई बदलाव आते हैं, खासकर महिलाओं की बौडी और स्किन पुरुषों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बदलती हैं. बढ़ती उम्र के साथ स्किन पर झुर्रियां, मुहांसे, आंखों के चारों तरफ काले घेरे होना, बौडी लूज होना एक आम बात है. लेकिन बढ़ती उम्र के असर को पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता है लेकिन इसके असर को कुछ सालों तक कंट्रोल जरुर किया जा सकता है. बढ़ती उम्र में चेहरे को चमकाने, डबल चिन से मुक्ति पाने के लिए, लूज बौडी में कसाव लाने के लिए आप कैंडल हौट वैक्स मसाज थेरेपी को अपनाएं हौट कैंडल वैक्स मसाज से बढ़ती उम्र में आई चेहरे की त्वचा पर लकीरें छिपाने में मदद मिलती हैं. चेहरे पर पड़ने वाली रिंकल्स और लूज स्किन की प्रौब्लम कम होती है और स्किन टाइट होती है.
क्या है कैंडल हौट मसाज थेरेपी
प्राचीन काल में रानी महारानियां अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल करती थी. प्राचीन काल की ये मसाज तकनीक इन दिनों बौडी स्पा सलून में बहुत ज्यादा पॉपुलर है. और हो भी क्यों न कैंडल वैक्स थेरेपी बौडी को रिलैक्स करने का काम जो करती है. क्या है कैंडल वैक्स थेरेपी और इसे बौडी पर किस तरह प्रयोग करते है इस बारे में बता रही हैं कलर्स ब्यूटी सैलून (शाहदरा) की ब्यूटी एंड मेकअप एक्सपर्ट रेनू माहेश्वरी.
ये भी पढ़ें- थ्रेडिंग के बाद होने वाले पिंपल से बचें ऐसे
कैसे प्रयोग करें
इस थेरेपी में कैंडल (मोम)को जलाकर पिघलाया जाता है. जब इससे वैक्स पिघल जाती है तब उसके पिघले हुए लोशन से शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर इससे मसाज की जाती है. इसमें स्टीम बाथ भी दी जाती है. यदि किसी को स्टीम बाथ पहले लेना है तो स्टीम बाथ लेने के बाद ये ट्रीटमेंट कर सकता है. इससे बौडी की गंदगी पूरी तरह से निकल जायेगी. बौडी को ग्लो टोन देने के लिए ये ट्रीटमेंट कर सकते है. उसके बाद हौट टॉवल से शरीर को रैप किया जाता है. इसमें डेड स्किन वाली बौडी को मौइश्चराइज किया जाता है. फिर स्किन पर ब्राइटनिंग पैक लगाया जाता है. लोशन में अलग -अलग अरोमा सुगंध भी होती है.