हेयर रीबौंडिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग, हेयर स्मूदनिंग ये तीनों ही ट्रीटमेंट भारतीय महिलाओं के लिए नए नहीं हैं. देश की करीब 70% महिलाओं को इन में से किसी एक ट्रीटमेंट का अनुभव जरूर हुआ होगा. खासतौर पर जब युवावर्ग की महिलाओं की बात की जाए, तो रीबौंडिंग, स्ट्रैटनिंग व स्मूदनिंग के बिना तो उन का गुजारा ही नहीं है. मगर अब इन तीनों के साथ हेयर ट्रीटमेंट भी जुड़ चुका है. हेयर कैराटिन ट्रीटमेंट के नाम से कौस्मैटिक इंडस्ट्री में प्रसिद्ध यह ट्रीटमेंट बालों में कैराटिन की मात्रा को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
क्या है कैराटिन ट्रीटमेंट
गृहशोभा की फेब मीटिंग में ब्यूटीशियनों को कैराटिन ट्रीटमेंट पर विस्तृत जानकारी देने आए ऐक्सपर्ट सैम इस ट्रीटमेंट के बारे में बताते हैं, ‘‘महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाले हारमोनल बदलाव के कारण बालों और नाखूनों पर सब से अधिक प्रभाव पड़ता है. जहां नाखूनों में क्यूटिकल्स के खराब होने की समस्या हो जाती है, वहीं बालों को प्रोटीन लौस की दिक्कत से जूझना पड़ता है. चूंकि बाल कैराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं, इसलिए इस के लौस होने से बाल पतले और फ्रीजी हो जाते हैं. ऐसे बालों पर रीबौंडिंग और स्ट्रेटनिंग का भी कुछ खास असर नहीं पड़ता है, बल्कि कमजोर बालों में हेयर फौल की समस्या और बढ़ जाती है. ऐसे बालों के लिए कैराटिन ट्रीटमेंट वरदान है. इस ट्रीटमेंट में बालों पर प्रोटीन की परत चढ़ाई जाती है और प्रैसिंग के द्वारा प्रोटीन लेयर को लौक कर दिया जाता है.’’