आकांक्षा सिंह की पहचान भले ही अदाकारा के रूप में हो, मगर वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी इंसान हैं. वह एक एक्ट्रेस होने के साथ साथ अच्छी कवियत्री,गायक, संगीतकार व प्रशिक्षित फिजियो थेरेपिस्ट डाक्टर हैं. मूलतः जयपुर निवासी आकांक्षा सिंह ने टीवी सीरियल‘‘ ना बोले तुम ना बोले हम’’ से एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी.उसके बाद उन्होने दक्षिण भारत में नागार्जुन के साथ तेलगू फिल्में की.एक तेलगू फिल्म में गाना गाया. हिंदी फिल्म ‘‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’’ में छोटा सा किरदार निभाया. इन दिनों वह 12 सितंबर को प्रदर्शित हो रही फिल्म ‘‘पहलवान’’ को लेकर चर्चा में है. यूं तो ‘‘पहलवान’’ मूलतः कन्नड़ फिल्म है,जिसे हिंदी के अलावा तमिल, तेलगू व मलयालम भाषा में डब करके प्रदर्शित किया जा रहा है.इसमें आकांक्षा सिंह के साथ सुदीप, सुनील शेट्टी व कबीर दुहान सिंह भी हैं.
सवाल- फिजियोथेरेपिस्ट डाक्टरी की पढ़ाई पूरी करने की बजाय एक्टिंग की तरफ मुड़ने की क्या वजह रही?
-मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं फिजियोथेरेपी की पढ़ाई छोड़ कर एक्टिंग से नहीं जुड़ी. जब मैं फिजियोथेरेपी की दूसरे साल की पढ़ाई कर रही थी, तभी मुझे सीरियल ‘‘ना बोले तुम ना बोले हम’’ में एक्टिंग करने का अवसर मिल गया था. मेरे कौलेज के सहपाठियों ने जोर डाला कि इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए. सभी ने मुझसे कहा कि जाकर अपना सपना पूरा करो. मैंने इस सीरियल की शूटिंग के साथ ही अपनी पढ़ाई पूरी की. मैं परीक्षा देने के लिए हमेशा जयपुर जाती थी. मैने अपनी परीक्षा दी. मैं यूनिवर्सिटी टौपर रह चुकी हूं. ऐसा नहीं है कि मैंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ी है. मैंने पढ़ाई को हमेशा महत्व दिया. मुझे लगता है कि इंसान कुछ भी करें, मगर जिंदगी में उसके पास अच्छी शिक्षा का होना बहुत जरूरी है. एक्टिंग जैसे प्रोफेशन में हमेशा अनिश्चय की स्थिति बनी रहती है. यहां कल का कुछ भी पता नहीं होता. ऐसे में मुझे लगता है कि आपके हाथ में एक और हूनर तो होना ही चाहिए. एक्टिंग के क्षेत्र में नहीं है कि एक्टिंग में आने के आने के बाद मैंने फिजियोथैरेपी की पढ़ाई पूरी की.