देश, समाज या कार्य के हर क्षेत्र में युवा व वृद्ध एकदूसरे से प्रतिस्पर्धा करते दिख जाते हैं. फिल्मी परदे पर परस्पर अनुभवी, सक्रिय व ज्यादा उपयोगी दिखाने की होड़ में राजनीतिक, सामाजिक व आदर्श की फिल्मी जमीन पर युवा बनाम वृद्ध के किरदार बेहद दिलचस्प तरीके से चूहेबिल्ली का खेल खेलते हैं.
60 साल से भी ज्यादा उम्र के अभिनेता रजनीकांत जब अपने से आधी उम्र की नायिका सोनाक्षी सिन्हा से रोमांस करते हैं तो युवा बनाम वृद्ध की दूरियां कम होती दिखती हैं.
मणिरत्नम की फिल्म ‘युवा’ में जब युवा दल का नेता अपने साथियों के साथ चुनावी जीत हासिल करने के बाद संसद प्रांगण में दाखिल होता है तो वहां पहले से मौजूद वरिष्ठ व वृद्ध नेताओं और मंत्रियों के हावभाव देख कर युवा बनाम वृद्ध के बीच के अहं, संघर्ष, वैचारिक असमानता और तल्खियों भरे रिश्ते बखूबी जाहिर होते हैं. भारतीय सिनेमा में उम्र के इस फासले के टकराव को वैचारिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और आपराधारिक मोर्चे पर मिर्चमसाले के तड़के के साथ पेश करना बेहद कामयाब फार्मूला रहा है.
कभी नायक नायिका के अमीरी के नशे में चूर वृद्ध पिता से टकराता है तो कभी युवा नायक पुलिस या सैनिक की वरदी में उम्रदराज विलेन से दोदो हाथ करता नजर आता है. कई दफा रोमांस की पिच पर एक हसीना के प्यार में पागल युवा और वृद्ध नायक मजेदार चूहेबिल्ली का खेल खेलते दिखते हैं. कभीकभी तकरार चुनावी पगडंडियों से गुजरती हुई पार्लियामैंट तक पहुंच जाती है. और इस सारे क्रम में जैनरेशन गैप के चलते दोनों के बीच की भिड़ंत का इमोशन प्रभावी तरीके से उभरता है. यही वजह है कि बदलते दौर के सिनेमा में सबकुछ बदला लेकिन यंग गन को ओल्ड बैरल के सामने हमेशा दोदो हाथ कर दिखाया गया.