दिल में हो तुम आँखों में तुम.......ये सुरीला गीत शायद सभी जानते है, सत्मेव जयते का ये गीत जिसे बप्पी लहरी ने अपना सुर दिया था. ये गाना उस दौर की सबसे हिट सॉंग थी, जिसे हर प्यार करने वाले जोड़े की होठों पर रहा. बप्पी लहड़ी ने हर तरह के गीत गाये और संगीतबद्ध भी किया, जिसमे हिंदी के अलावा बांग्ला और दक्षिण भारतीय फिल्मों के भी गाने है.
केवल 69 की उम्र में संगीत की दुनिया से चले जाना एक बहुत बड़ी क्षति है. डिस्को किंग कहे जाने वाले बप्पी लहड़ी ने संगीत में डिस्को संगीत को ऐसे समय में परिचय करवाया जब ये विदेशी संगीत कहलाया करता था. पहले इस संगीत को किसी फिल्म कार ने अधिक महत्व नहीं दिया, लेकिन डिस्को डांसर के गीत और अभिनेता मिठुन चक्रवर्ती के डांस ने सबको ऐसा दीवाना बनाया कि बप्पी लहरी उस दौर के गायक, म्यूजिक कंपोजर, एक्टर रिकॉर्ड प्रोड्यूसर बन गए और निर्माता निर्देशक उनके फिल्मों के गीत बप्पी दा से लेने लगे थे. बप्पी लहरी माइकल जैक्सन के डांस और गाना बहुत पसंद था ,जबकि माइकल जैक्सन को बप्पी लहड़ी की डिस्को डांसर सॉंग पसंद थी.
पॉपसॉंग के रहे शौक़ीन
70-80 के दशक में गाए उनके डिस्को सोंग्स हमेशा सबको याद रहेंगे. आज भी जब पार्टी म्यूजिक की बात होती है, तो सबसे पहले बप्पी दा के गानों की याद आती है. बप्पी दा को संगीत से बहुत प्यार था, इसकी वजह उनका एक संगीतज्ञ परिवार में जन्म लेना और 3 साल की उम्र से संगीत सीखना शुरू कर दिए थे और 11 साल की उम्र में संगीत के कंपोजर भी बन गए थे.उन्होंने हर तरह के गीत गाये और बनाए भी. उनपर कई बार विदेशी धुन को हिंदी गानों में प्रयोग करने पर आरोप लगे, पर वे इसे फ्यूजन संगीत कहते थे, क्योंकि उनका मानना था कि संगीत को हर कोई अपने ढंग से गा सकता है, इसे रोक पाना किसी के वश में नहीं होता.