जौनी वाकर वैसे कलाकार हैं जिनका नाम सुनते ही आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. 60 और 70 के दशक में बौलीवुड फिल्मों की जान हुआ करते थे जौनी. जौनी वाकर यानी बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी की आज पुण्यतिथि है. ताउम्र दर्शकों को हंसाते रहने वाले जौनी वाकर ने 29 जुलाई, 2003 को सबको अलविदा कह दिया था.
जौनी वाकर का बौलीवुड में ऐसा जलवा था कि मोहम्मद रफी उनके लिए गाना गाया करते थे, ओपी नैय्यर उनके लिए कंपोज करते थे और गुरुदत्त अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट तक उनके लिए बदल दिया करते थे.
गरीबी में पले जौनी को कई काम करने पड़े. यहां तक कि घर चलाने के लिए मुंबई की बस में उन्होंने कंडक्टर की नौकरी भी की.
जौनी बस में भी यात्रियों को अपनी कामेडी से हंसाया करते थे. एक बार उनकी बस में उस दौर के महान अभिनेता बलराज साहनी सफर कर रहे थें. बलराज की नजर जौनी पर पड़ी और उनको देखकर उन्होंने सलाह दी कि तुम जाकर गुरुदत्त से मिलों उनको तुम्हारे जैसे एक्टर की तलाश है.
जब जौनी गुरुदत्त से मिलने गए और गुरुदत्त ने उन्हें शराबी की एक्टिंग करने के लिए कहा तब उन्होंने ऐसी जबरजस्त एक्टिंग की कि गुरुदत्त ने बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी से उनका नाम बदलकर अपनी फेवरेट व्हिस्की जौनी वाकर के नाम पर उनका नया नाम रख दिया.
इसी के साथ जौनी वाकर का फिल्मी सफर शुरु हुआ. उस दौर की हर बड़ी फिल्म में जौनी जरूर हुआ करते थें. वैसे तो उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन टैक्सी ड्राइवर, बाजी, मिस्टर एंड मिसेज 55, सीआईडी और प्यासा जैसी फिल्में लोग आज भी याद करते हैं.