तेलगू भाषा की रोमांटिक फिल्म ‘देवदासु’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री इलियाना डिक्रुज को हिंदी फिल्मों में फिल्म ‘बर्फी’ से ब्रेक मिली. ‘रुस्तम’ भी उनकी सफल फिल्म है, जिसमें उन्होंने अक्षय कुमार की पत्नी की भूमिका निभाई थी. मुंबई की इलियाना हमेशा से फिल्मों में अभिनय करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सबसे पहले दक्षिण की फिल्मों और कई विज्ञापनों में काम करने का अवसर मिला. इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में आईं. इलियाना काम के लिए किसी निर्माता, निर्देशक के पीछे भागती नहीं हैं जो भी काम मिलता है और भूमिका अच्छी होती है तो वह हां कर देती हैं. वह शांत और हंसमुख स्वभाव की हैं. अभी वह ‘मुबारकां’ फिल्म की प्रमोशन में व्यस्त है जिसमें उन्होंने कॉमेडी की है. उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.
कॉमेडी में आने की इच्छा कैसे हुई? इसे निभाना कितना मुश्किल था? कितनी तैयारियां करनी पड़ी?
मैं चाहती थी कि कुछ नया करूं और मुझे मिला. कॉमेडी करना आसान नहीं होता, खासकर लोगों को हंसाना बहुत कठिन काम है. इसमें होमवर्क से अधिक मैंने निर्देशक अनीस बज्मी की कॉमिक टाइम को फॉलो किया है. इससे मुझे काफी कुछ समझ में आ गया. जिससे अभिनय करना मुश्किल नहीं था. मैं इसमें पंजाबी लड़की बिंकल की भूमिका निभा रही हूं, पहले लगा था कि पंजाबी सीखनी पड़ेगी, लेकिन लेखक बलविंदर सिंह ने बहुत ही सुंदर तरीके से मेरे संवाद लिखे हैं, जिसे बोलना कठिन नहीं था. बहुत ही मजेदार भूमिका है.
ये भूमिका आपसे कितनी मेल खाती है?
बहुत अलग है, मैं वॉयलेंट और पटाखा टाइप की लड़की नहीं हूं. मैं किसी भी हालत में किसी को मारती पिटती नहीं हूं. मुझे तब अजीब लग रहा था, जब मैं एक सीन के दौरान अर्जुन कपूर को मारती हूं, लेकिन ये दृश्य मजेदार थी. दरअसल पंजाबी कल्चर में बहुत हंसी मजाक होता है, जिसे वे एन्जॉय करते है. मुझे इस भूमिका को करने में बहुत अच्छा महसूस हुआ. मैं शूटिंग के दौरान चण्डीगढ़ गयी और वहां का खाना खायी, जो बहुत लजीज था. खासकर गरम-गरम रोटी, घी, जलेबी मुझे सबसे अच्छी लगी.