अपनी बात को स्पष्ट और पुरजोर तरीके से रखने के लिए मशहूर अभिनेता रणबीर कपूर अपने किरदारों के साथ भी नित नए प्रयोग करते आए हैं. ‘‘सांवरिया’’ से लेकर अब तक अपने दस साल के करियर में रणबीर कपूर ने ‘वेकअप सिड’, ‘रॉकस्टार’, ‘बर्फी’, ‘यह जवानी है दीवानी’ जैसी कुछ बेहतरीन फिल्में की. लेकिन ‘बेशरम’, ‘रॉय’, ‘बॉम्बे वेलवेट’, ‘तमाशा’ जैसी असफल फिल्मों ने उनके करियर पर बहुत गलत असर डाला. अब रणबीर कपूर की अनुराग बसु निर्देशित फिल्म ‘‘जग्गा जासूस’’ प्रदर्शित हुई है, जिसे अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है. मगर रणबीर कपूर को यकीन है कि इस फिल्म को धीरे धीरे सफलता मिल जाएगी. इस फिल्म में कटरीना कैफ के संग अभिनय करने के साथ ही उन्होंने अनुराग बसु के साथ इस फिल्म का निर्माण किया है.
बतौर अभिनेता स्टारडम हासिल करने पर रणबीर कपूर ने एक मुलाकात में हमसे दावा किया था कि वह अपने दादा जी स्व. राज कपूर के बैनर ‘‘आर के’’ को पुनर्जीवित करना चाहते हैं. मगर जब रणबीर कपूर ने ‘‘जग्गा जासूस’’ से फिल्म निर्माण में कदम रखा, तो वह यह बात भूल गएं. उसके बाद उनके करियर व निजी जीवन में काफी उथल पुथल हुई. ‘जग्गा जासूस’ को बनने में साढे़ तीन वर्ष का समय लग गया.
प्रस्तुत है हाल ही में उनसे हुई बातचीत के अंश.
आप अपने दादा जी के बैनर ‘आर के फिल्मस’ को पुनः शुरू करना चाहते थे पर अचानक आपने नए बैनर के तहत फिल्म ‘‘जग्गा जासूस’’ का निर्माण शुरू किया. क्या इसी वजह से इस फिल्म के निर्माण में साढ़े तीन वर्ष का समय लग गया और फिल्म बेहतर नहीं बन सकी?