80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कई चर्चित चेहरे थे और उस वक्त एक ऐसा चेहरा फिल्मों में आया जिसके चेहरे की मासूमियत और झील सी गहरी आंखों ने लोगों के दिलों को छू लिया. ये चेहरा कोई और नहीं साधना सिंह थीं, जिन्होंने राजश्री प्रोडक्शनंस की फिल्म 'नदिया के पार' से अपना डेब्यू किया.
पहली ही फिल्म ने साधना को स्टार बना दिया और बड़ी हीरोइनों की लीग में ला खड़ा किया. इस फिल्म के बाद जहां साधना के पास फिल्मों की बौछार शुरु हो गईं तो वहीं दूसरी तरफ उनके फैंस की फेहरिस्त भी बढ़ती चली गई.
धीरे-धीरे साधना सिंह की लोकप्रियता इस मुकाम पर पहुंच गई कि लोग उनसे मिलने के लिए लाइन लगाकर खड़े रहते. कई बार तो ऐसा हुआ कि साधना से मिलने के चक्कर में लोगों को पुलिस की मार भी खानी पड़ी. बावजूद इसके अपनी हीरोइन के लिए उनका प्यार कम नहीं हुआ.
साधना की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें कड़ी सुरक्षा दी जाती. आमतौर पर जहां फिल्मी सितारों के साथ बॉडीगार्ड चलते हैं, वहीं साधना सिंह के लिए बाकायदा पुलिस की कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाता. कुल मिलाकर साधना सिंह ने अपने चंद सालों के फिल्मी करियर पर अपार सफलता देखी.