चरित्र अभिनेता राजपाल यादव को एक कारोबारी से लिए पैसे वापस नहीं करने के मामले में शेष बची छह दिन की जेल की सजा काटनी होगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उस याचिका पर संज्ञान लेने से मना कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर पिटने के कारण वह पैसे अदा नहीं कर सकते.
यादव ने जवाब दिया कि भुगतान के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. इस पर जस्टिस कुरियन जोसेफ और आरएफ नरिमन की पीठ ने कहा, आगे कोई दलील नहीं. हम आपको छह महीने जेल भेजने के बारे में सोच रहे थे.
हास्य अभिनेता ने देश की सबसे बड़ी अदालत का रूख कर दिल्ली उच्च न्यायालय को चुनौती दी थी जिसमें उनको 2013 में मिली 10 दिन के जेल की सजा में बची छह दिन की सजा को काटने के लिए समर्पण को कहा गया था.
यादव ने 3 दिसंबर, 2013 से 6 दिसंबर, 2013 तक चार दिन जेल की सजा काटी थी और उस समय उच्च न्यायालय ने उनकी अपील पर सजा निलंबित कर दी थी. गलत हलफनामा देने पर उनको 10 दिन की जेल की सजा दी गई थी.
सुनवाई के दौरान यादव के वकील ने पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल के पास भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं क्योंकि उनकी पिछली फिल्म भोपाल- ए प्रेयर फॉर रेन, बॉक्स ऑफिस पर पिट गई.
गत 25 जुलाई को शीर्ष न्यायालय ने बार बार हलफनामा देने के बावजूद पैसे का भुगतान न करने को लेकर यादव की खिंचाई की थी और कहा था कि उनका व्यवहार समझ से परे है. उच्च न्यायालय ने दिसंबर, 2013 में एकल पीठ की ओर से सुनाई गई सजा को बरकरार रखा था.