करण जौहर , निखिल अडवाणी, अमोल पालेकर के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करने के बाद फिल्म ‘आई हेट लव स्टोरी’’ से अकेले निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने वाले पुनीत मल्होत्रा ने 2013 में फिल्म ‘गोरी तेरे प्यार में’ निर्देशित की थी, जिसे बौक्स आफिस पर कोई सफलता नहीं मिली थी. और अब पुनीत मल्होत्रा ने फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर’ का निर्देशन किया है. पुनीत मल्होत्रा 2012 से ही करण जौहर के साथ जुड़े हुए हैं. तो स्वाभाविक तौर पर उन पर करण जौहर की एक छाप भी है. पेश है उनसे हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश..
आपके निर्देशन में करण जौहर की छाप है. अमूमन जिसकी छाप होती है, उससे कुछ अलग कर पाना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन सिनेमा में अपनी पहचान के लिए निर्देशक को कुछ नया भी करना होता है. आपने क्या कोशिश की ?
आपका सवाल बहुत महत्वपूर्ण और बहुत ही अलग है. देखिए, आपका सवाल और बात बहुत मायने रखती है. क्योंकि सिनेमा में जिसकी छाप है, उसको बरकरार रखते हुए अपनी पहचान का सिनेमा देना बहुत जरूरी होता है. आप जानते हैं कि 2012 में जो फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईअर’ बनी थी, उसे करण जौहर ने निर्देशित किया था. अब जब उसका सिक्वअल ‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’ बनी है, तो निर्देशन की जिम्मेदारी उन्होंने मुझ पर डाली. अब मेरे सामने चुनौती थी कि मैं इसे किस तरह से अपने अंदाज में पेश करता हूं. मैंने वही कोशिश इस फिल्म को बनाते समय की है. आपने जो सवाल किया वह इस फिल्म के साथ बहुत सटीक बैठता है. क्योंकि मुझ पर करण जौहर की छाप है. और यह फिल्म भी करण जौहर की है. पर मैंने इसको अपने नजरिए से परदे पर उतारा है.