खूबसूरती को हमारे समाज में एक वरदान माना जाता है और हमारे इसी समाज का एक प्रमुख हिस्सा लड़कियों की सिर्फ सूरत देखता है, सीरत नहीं. ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि अगर कोई लड़की खूबसूरत है तो उसे जिंदगी में सब कुछ आसानी से हासिल हो जाएगा. एक लड़की की खूबसूरती देखकर लोग उसकी खूबियाँ देखना भूल जाते हैं और अपनी खूबियों के दम पर अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद में उलझी, एक ऐसी ही लड़की की रोमांचक कहानी है कलर्स का नया सीरियल ‘पिंजरा- खूबसूरती का’.
खूबसूरती की बजाय खूबियों से पहचान बनाना चाहती है मयूरा
यह कहानी है मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में रहने वाली एक चुलबुली, जिंदादिल और बेइंतहा खूबसूरत लड़की मयूरा की, जो दूसरों की सेवा करना चाहती है और खूबसरती पर अपना हक समझने वाले ओमकार की.
एक तरफ मयूरा, जिसे पहचान मिली तो सिर्फ और सिर्फ उसकी खूबसूरती की वजह से. घर हो या बाहर लोग बस उसकी खूबसूरती की तारीफ करते हैं. इन्हीं वजहों से मयूरा की अपनी बहन, मेघा के दिल में उसके लिए जलन पैदा हो जाती है. मयूरा चाहती है कि वह एक होम्योपैथी डौक्टर बनकर अपने परिवार की मदद और लोगों की सेवा कर सके. उसकी चाहत यही है कि दुनिया उसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि उसकी खूबियों की वजह से उसे जानें और ऐसे ही एक जीवनसाथी का मयूरा को है बेसब्री से इंतजार.
हर खूबसूरत चीज़ को कैद करना चाहता है ओमकार
दूसरी तरफ हैं ओमकार, जिसे पूरा शहर ‘संगमरमर का सरताज’ कहकर बुलाता है. पूरा बचपन मार्बल की खान में काम करते हुए गुजारने वाला ओमकार, हर खूबसूरत चीज को अपनी कैद में कर लेना चाहता है. उसे खूबसूरती से जितना प्यार है, उतनी ही नफरत है किसी भी गंदगी या दाग से. ओमकार के लिए किसी की खूबसूरती ही उसकी सबसे बड़ी खूबी है. यही वजह है कि जैसे ही उसकी नज़र मयूरा पर पड़ती है, वह उसे हासिल करने की ठान लेता है और उससे शादी करना चाहता है.