अस्थमा के मरीजों के लिए बढ़ती ठंड और प्रदूषण दोनों ही नुकसानदायक होते हैं. आज के समय में दमा ऐसी बीमारी बन गई है जो खांसी-जुकाम से शुरू होकर किसी को भी अपनी चपेट में ले लेती है, ऐसा इसीलिए कहा जा सकता है क्योंकि दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ लोग अस्थमा से पीडि़त है. सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि ना सिर्फ वृद्ध बल्कि छोटे छोटे बच्चे भी अस्थमा की चपेट में आ रहे हैं. अस्थमा के इलाज के लिए इनहेलर का प्रयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि इनहेलर के दुष्‍प्रभाव भी हैं, जिन मरीजों को बहुत अधिक अस्थमा अटैक पड़ते हैं, उन्हें बार-बार इनहेलर के प्रयोग से नुकसान भी पहुंच सकता है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सावधानी बरती जाए तो अस्थमा से बचाव संभव है. इस बीमारी में घरेलू नुस्खे अपना कर भी स्वस्थ रहा जा सकता है और अगर रहते इसपर काबू कर लिया जाए तो इसके गंभीर अंजाम से बचा जा सकता है. अस्थमा के उपचार के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है. आइए जानते हैं अस्थमा के लक्षण—

अस्थमा के लक्षण

सांस लेने में तकलीफ होना और जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट का महसूस होना.

शरीर में बेचैनी महसूस होना.

कई बार सिर भारी-भारी लगना और एक हिस्से में दर्द होना.

अधिक चलने के बाद उल्टी महसूस होना.

घरेलू नुस्खे अपनाएं

लहसुन और अदरक

दमा के इलाज में बहुत प्रभावशाली औषधि है. 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का रोजाना सेवन करें. इसके सेवन से आपको दमे की शुरुआती अवस्था में काफी लाभ मिलता है.

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