पहली बार मां बनने की खुशी जितनी एक महिला को होती है उससे अधिक चुनौती होती है ब्रैस्ट फीडिंग,जो जरुरी तो है, लेकिन आजकल की अधिकतर मांओं को लगता है कि इससे उनके शरीर का आकार बदल जायेगा. इसकी वजह उनका कामकाजी होना है. साथ ही उन्हें बार–बार बच्चे की ‘फीड’ कराना मुश्किल लगता है. जबकि बच्चे के जन्म के बाद मां का दूध बच्चे के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होता है. बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यह दूध अमृत समान होती है.
मुंबई की स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. बंदिता सिन्हा कहती हैं कि ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर आज भी शहरी महिलाओं में जागरूकता कम है. जबकि ब्रेस्ट फीडिंग करवाने से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है. जिन महिलाओं ने कभी भी ब्रैस्ट फीडिंग नहीं करवाई है, उनमें ब्रैस्ट कैंसर की रिस्क बढ़ जाती है.
एक अध्ययन में ये पाया गया कि जिन महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर मेनोपोज के बाद हुआ है, उन्होंने कभी भी ब्रैस्ट फीडिंग नहीं करवाई है. जबकि महिलाएं जिन्होंने अर्ली 30 की उम्र में स्तनपान करवाया है, वे 30 की उम्र पार कर स्तनपान करवा चुकी महिलाओं से अधिक ब्रैस्ट कैंसर से सुरक्षित है. इसलिए मां बन चुकी हर महिला को स्तनपान करवाना जरुरी है और उन्हें ये समझ लेना चाहिए कि इससे बच्चा तंदुरुस्त होता है और साथ में मां का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
मां के दूध को बढ़ाता है सातावरी जड़ी बूटी वाला लैक्टेशन सप्लीमेंट
आइए जानते हैं ब्रैस्ट फीडिंग के ऐसे ही 15 फायदे...
- यह सबसे गुणकारी दूध होता है, इसमें पाए जाने वाला प्रोटीन और एमिनो एसिड बच्चे की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है, यह बच्चे को कुपोषण का शिकार होने से बचाता है.