मौनसून आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल दिखता है. मनुष्यों से ले कर जानवरों, पक्षियों, पेड़पौधे, खेतखलिहान, सब में खुशियों की लहर दौड़ जाती है और हरेभरे हो जाते हैं. ऐसे में जहां ये दृश्य सब को आनंद देते हैं वहीं इस मौसम के चलते पेट की कुछ बीमारियां भी पनपती हैं. इस दौरान हर व्यक्ति को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत होती है.
वर्षा के मौसम में पेट की बीमारियां तकरीबन 30 प्रतिशत बढ़ जाती हैं. मुंबई के शुश्रुत हौस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलौजिस्ट डा. समित जैन बताते हैं कि मौनसून का मजा तभी है जब आप अपने खानपान पर ध्यान दें और स्वस्थ रहें.
कुछ बीमारियां हैं जो मौनसून के कारण होती हैं, जिन की जानकारी सभी को होनी आवश्यक है.
एक्यूट गैस्ट्रोएंटाइटिस
लक्षण
- पेट में दर्द.
- पतले दस्त या जुलाब का होना.
- फूड पौयजनिंग होना.
- बारबार उलटियां हो.
- बुखार आना और कमजोरी महसूस करना.
इलाज
मरीज को ओआरएस का घोल, नारियल पानी व नीबू पानी या फिर इलैक्ट्रौल पाउडर का घोल देना सही रहता है. यदि एक दिन में मरीज ठीक न हो तो तुरंत डाक्टर की सलाह लें.
हैपेटाइटिस ‘ए’
हैपेटाइटिस ‘ए’ वायरस दूषित पानी पीने से आता है. यह वाटरबौर्न वायरल इन्फैक्शन डिसीज है.
लक्षण
- इसे पीलिया भी कहा जाता है.
- उलटियां होना.
- कमजोरी और बुखार होना.
- जोड़ों में दर्द होना.
इलाज
मरीज के खून की जांच कराई जाती है. इस के लिए डाक्टर की सलाह तुरंत लें, ताकि समय पर मरीज को जरूरी दवाएं मिल सकें.
टाइफायड
टाइफायड वैक्टेरियल इन्फैक्शन है, जो दूषित पानी से मौनसून में अधिक होता है.
लक्षण
- तेज बुखार आना.
- पतले दस्त होना.
- उलटियां होना.