दोस्तों एक औरत के लिए माँ बनने के एहसास से बड़ा कोई दूसरा सुख नहीं हो सकता .बच्चा अपनी मां के सबसे करीब होता है इसलिए वह बिना बोले भी अपनी बात को सबसे पहले अपनी मां के दिल तक पहुंचा सकता है. माँ अपने बच्चे के बिना कहे उसकी दिल की बात समझती है .

चंदनियां छिप जाना रे.......यशोदा का नन्द लाला...............,लल्ला –लल्ला लोरी....................,और भी न जाने कितने तरीके से एक माँ अपने बच्चे को अपना प्यार दिखाती है ,उसे लोरी गा के सुलाती है .जी हाँ दोस्तों माँ और बच्चे का रिश्ता ही ऐसा होता है जिसमे शब्दों की जरुरत ही नहीं होती . दोस्तों माँ की लोरी एक जादू की तरह काम करती हैं. मां के द्वारा गाई गई लोरी बच्चे को मां के और करीब लाती है. कभी आपने भी गौर किया होगा कि बच्चा सबसे पहले आवाज अपनी मां की पहचानता है. विशेषज्ञ कहते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोरी के रूप में जो आवाज वो लगातार सुनता है धीरे-धीरे बच्चा उससे जुडाव महसूस करने लगता है और उनके बीच का रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता जाता है.

पर क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी लोरी का बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है कि वो सो जाते हैं या रोना बंद कर देते हैं? तो वैज्ञानिकों ने इसके पीछे की सही वजह पता कर ली हैं. एक अध्ययन की मानें, संगीत का बच्चों पर बहुत गहरा प्रभाव होता है इससे बच्चों में दर्द और चिंता कम हो जाती है. ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में किया गया हालिया शोध में इस बात का जवाब तलाशने का प्रयास किया गया है कि लोरी का बच्चों पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता .तो चलिए जानते है जानें, बच्चे को लोरी सुनाने के ढेरों फायदों के बारे में....

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