छींक आना एक समान्य बात है. सर्दियों में ये समस्या और आम हो जाती है. बार बार छींक आने से आपके लिए किसी भी चीज पर फोकस करना मुश्किल हो जाता है. अक्सर छींक के साथ नाक से पानी भी निकलता है जिसकी रफ्तार करीब 20 से 40 मीटर प्रति घंटे की होती है और तीस फुट तक जाती है.
- छींक को रोकना चाहिए या नहीं
जब आप किसी सार्वजनिक जगह पर हों, तो कोशीश करें कि छीक रूक जाए. आपकी छींक से दूसरे लोगों को परेशानी हो सकती है. जैसे दूसरों के सामने छीकना अच्छा नहीं होता वैसे ही छीक को रोकना भी आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
आपको बता दें कि कई मामलों में तेज छींक को रोकने से आपके इयरड्रम को नुकसान पहुंचने की शिकायते भी सामने आई हैं. इसके अलावा ये आंखों के ब्लड वेसल को भी प्रभावित करती है. इसके अलावा छींक का दबाव अन्य क्षेत्रों जैसे खोपड़ी या साइनस की तरफ भी बढ़ जाता है.
- ध्यान रहे
भीड़ में छींक आने पर भी छींक को रोके नहीं, ऐसी स्थिति में आप मुंह पर रुमाल रखकर छींक सकती हैं। इससे आपको संक्रमण को फैलाने से रोकने में मदद मिलेगी. सार्वजनिक जगहों में छींकने से फ्लू, इन्फ्लूएंजा और आम सर्दी मुख्य रोगों के फैलने की संभावना तेज हो जाती है.