दिन प्रतिदिन हमारे अन्दर होने वाले बदलाव की वजह से हमारा दिमाग आराम की मुद्रा में कम और सतर्कता की मुद्रा में ज्यादा आ जाता है. एक शोध के मुताबिक, अगर आपको बैचेन करने वाली टिनिटस (कान में बजती आवाज) है, तो संभवत: आपको ध्यान संबंधी समस्या भी होगी, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका ध्यान जरूरत से ज्यादा आपके टिनिटस यानी कान में बजने वाली आवाज पर होगा और अन्य बातों पर आपका ध्यान कम होगा.
रिसर्च का नेतृत्व करने वाली अमेरिका के यूनिवर्सिटी आफर इलिनायस की फातिमा हुसैन कहती हैं, “जिस तरह हम डायबिटीज या हाइपरटेंशन को नहीं माप सकते, उसी तरह हमारे पास उपलब्ध किसी भी यंत्र से इसे मापा नहीं जा सकता क्योंकि टिनिटस अदृश्य है.”
उन्होंने कहा, यह आवाज लगातार आपके दिमाग में रह सकती है, लेकिन कोई अन्य व्यक्ति इसे सुन नहीं सकता और क्योंकि वह सुन नहीं सकता इसलिए शायद वह आपकी बातों पर विश्वास भी न करेगा. वह यह सोच सकता है कि जो चीजे ऐप कह रही हैं वो महज आपकी कल्पना है. चिकित्सकीय रूप से हम इसके कुछ लक्षणों को ठीक कर सकते हैं, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता क्योंकि हम यह नहीं जानते कि यह किस वजह से होता है.
दिमाग के कार्य और संरचना को देखने के लिए एमआरआई के प्रयोग के बाद यह पाया गया कि टिनिटस तो सुनने वाले के दिमाग में था. दिमाग के इस क्षेत्र को प्रिकुनियस कहते हैं, जो दिमाग में विपरीत रूप से जुड़े दो तंत्रों पृष्ठीय और डिफाल्ट मोड तंत्र से जुड़ा होता है. पृष्ठीय तंत्र तब सक्रिय होता है, जब किसी व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करता है, जबकि डिफाल्ट मोड पृष्ठभाग में कार्यरत रहता है, जब व्यक्ति आराम कर रहा होता है या कुछ खास नहीं सोच रहा होता है. इसके अलावा, टिनिटस की गंभीरता बढ़ने पर तंत्रिका तंत्र पर इसका प्रभाव पड़ता है.