चिकित्सा जगत में अब दांतों के आधुनिक उपचार में क्रांति आई है. दांतों के आधुनिक उपचार की मांग तो बढ़ी है, लेकिन जानकारी न होने के कारण कई मरीजों को इस का खमियाजा भुगतना पड़ता है. एक ही सेशन के दौरान होने वाली कई प्रक्रियाओं जैसे दांतों को सफेद करना, ब्लीचिंग, लैमिनेट, वेनीर, मसूढ़ों की सर्जरी इनेमेलोप्लास्टी आदि से लोगों को न सिर्फ संतुष्टि मिलती है, बल्कि बिना कारण के भी औसतन से अधिक हंसने लगते हैं. लेकिन इन प्रक्रियाओं के दुष्प्रभावों को जानने के बाद आप के लिए यह निर्णय करना आसान हो जाएगा कि आप बिना कारण कुछ दिन तक हंसना चाहते हैं या फिर हमेशा के लिए अपनी हंसी को अपने पास संजो कर रखना चाहते हैं.दांतों को सफेद कराना या ब्लीचिंग कराने की प्रक्रिया को एक सेशन मेें ही किया जा सकता है. लेकिन क्या आप इस के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं?
सब के लिए यह जानना आवश्यक है कि दांतों पर ब्लीचिंग का असर सिर्फ कुछ हफ्तों तक ही रहता है इसलिए इसे बारबार और जल्दीजल्दी कराना पड़ता है. फिर हर बार उतनी चमक नहीं आती जितनी कि शुरुआत में आती है. इस का सब से बड़ा दुष्प्रभाव तो यह होता है कि बारबार ब्लीचिंग कराने से दांत कमजोर हो जाते हैं और आगे चल कर इन के जल्दी ही गिरने की आशंका रहती है. दांत जल्दी सड़ जाते हैं, खुरदुरे हो जाते हैं और दांतों के बीच फ्रेक्चर लाइन बन जाती है. तो क्या ये सब जानने के बाद आप मुसकराना चाहेंगे
अब कई आधुनिक तकनीकों केक आने से ब्लीचिंग के लिए सही सदस्यों का चयन कर पाना आसान हो गया है. एडवांस्ड पावर जूम भी एक ऐसी ही तकनीक है. इस के