क्या आपका बच्चा कम सोता है और दिनभर थका-थका सा रहता है? उसे हर वक्त सुस्ती और आलस महसूस होता है? अगर ऐसा है तो सावधान हो जाइये क्योंकि वह टीएटीटी (टायर्ड आल द टाइम) सिंड्रोम का शिकार हो सकता है. इन दिनों लोग बेहद तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं, जिससे उनका एड्रेनिल का स्तर बढ़ा रहता है और वे हर वक्त जागे रहते हैं. तनाव से ऊर्जा घटती है और मानसिक शांति खत्म होती है. यहीं से टैट (TATT) की शुरुआत होती है.

एक शोध को दौरान पाया गया कि पर्याप्त नींद न लेने की वजह से 100 में से 80 फीसदी बच्चे एक समस्या से ग्रस्त रहते हैं, जिसे टीएटीटी (TATT) सिंड्रोम कहते हैं.

क्या है टायर्ड आल द टाइम (टीएटीटी)

कम समय के भीतर अत्यधिक थकान और बोरियत महसूस करने की स्थिति को टीएटीटी या टैट कहा जाता है. टैट की पहचान करने में कई बार दिक्कत आती है क्योंकि इसके लक्षण और डायबिटीज, एनीमिया व डिप्रेशन के लक्षण एक जैसे लगते हैं.

कारक

टीएटीटी या टैट के बारे में बताते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन आफ इंडिया (एचसीएफआइ) के अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने बताया कि टैट होने के पीछे जो कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, वे हैं- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, कम प्रोटीन का सेवन और कार्बोहाइड्रेट का बहुत अधिक या बहुत कम सेवन. इसके अलावा समय पर भोजन न करने और संतुलित आहार न लेने से भी यह स्थिति पैदा हो सकती है. इसके अलावा कंप्यूटर या टीवी पर ज्यादा वक्त बिताने पर यह स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसे बच्चे व किशोर अक्सर सुस्ती और थकान की शिकायत करते हैं.

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