ज्योति मेरे साथ कालेज में पढ़ती थी. विवाह के बाद वह दिल्ली चली आई थी. 5 वर्षों के बाद उस से मुलाकात हुई तो उस ने अपनी बेटी के जन्मदिन की पार्टी में आने का निमंत्रण दिया. जन्मदिन की पार्टी का आयोजन एक होटल में किया गया था. उस पार्टी में ज्योति ने अपनी एक पड़ोसिन गरिमा से मेरा परिचय कराया. गरिमा से एक बार मिल कर कोई जल्दी उसे भूल नहीं सकता. गरिमा ने सैंट इतना ज्यादा इस्तेमाल किया था कि सारा हाल उस के सैंट की खुशबू से महक रहा था. सैंट की खुशबू इतनी अधिक थी कि गरिमा से 5 मिनट बातें करना भी मुश्किल होने लगा. गरिमा की तरह मैरिज पार्टी, बर्थडे पार्टी, किटी पार्टी या मैरिज ऐनिवर्सरी में कुछ स्त्रियां इतना सैंट लगा कर आती हैं कि उन के पास खड़ा होना मुश्किल हो जाता है.
हंसी का पात्र
परफ्यूम लगाने के भी कुछ ऐटिकेट्स होते हैं. अधिक सैंट लगा कर नवयुवती कुछ देर के लिए सब को आकर्षित करने में सफल तो हो सकती है, लेकिन दूसरे ही पल वहां सभी उस की हंसी उड़ाते भी दिखाई देने लगते हैं. अधिक परफ्यूम लगाने की आदत आप को भरी पार्टी में हंसी का पात्र तो बना ही सकती है, आप के व्यवहार को फूहड़ता का नाम भी दे सकती है. यही नहीं, अधिक परफ्यूम का इस्तेमाल कर के आप अपने आसपास वालों को नाराज भी कर सकती हैं. परफ्यूम लगाने से पहले नवयुवतियों को यह देखना चाहिए कि वे किस पार्टी में जा रही हैं. फिर उस पार्टी के वातावरण के अनुकूल ही परफ्यूम का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे, किसी बच्चे की बर्थडे पार्टी में ढेर सारा परफ्यूम लगा कर जाने से आप किसी को आकर्षित नहीं कर पाएंगी.