भविष्य को आर्थिक रुप से सुरक्षित करने के लिए लोग अच्छे विकल्प की तलाश में रहते हैं. लोगों का भरोसा अब निवेश के परंपरागत तरीकों फिक्स्ड डिपौजिट (एफडी), गोल्ड, सेविंग्स एकाउंट की बजाय अन्य विकल्पों पर बढ़ रहा है.

आदर्श और व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी लगते ही बचत और निवेश शुरू कर देना चाहिए. निवेश इस तरह किया जाना चाहिए जो पूंजी बढ़ाने में आपकी मदद कर सके.

जानिए ऐसे पांच विकल्पों के बारे में

म्युचुअल फंड्स: म्युचुअल फंड्स (एमएफ) निवेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरीका है. यहां निवेशक कम पूंजी के साथ किये गये निवेश से भी अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं. एमएफ में निवेश करने के लिए सबसे सरल तरीका सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) है. इसमें निवेश की शुरुआत महज 500 रुपये की राशि के साथ भी की जा सकती है.

विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती महंगाई और भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए इस निवेश राशि को अपनी आय में वृद्धि के अनुसार ही बढ़ाते रहना चाहिए. इसमें मिलने वाले ब्याज की दर 15 से 16 फीसद तक भी पहुंच जाती है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ): पीपीएफ आम लोगों के बीच सबसे ज्यादा प्रचलित योजनाओं में से एक है. PPF का निवेश EEE यानी ''एग्जेम्प्ट:एग्जेम्प्ट:एग्जेम्प्ट'' कैटेगरी में टैक्स फ्री होता है. यानी निवेश की गई रकम कर मुक्त आय की श्रेणी में जाएगी, वहीं मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. इसके साथ ही मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी पूरी तरह कर मुक्त होती है. इस पर मिलने वाली ब्याज दर की सालाना गणना की जाती है. ब्याज का भुगतान हर साल 31 मार्च को किया जाता है. PPF पर मिलने वाले ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख से लेकर आखिरी दिन के बीच मिनिमम बैलेंस के आधार पर की जाती है. शुरुआती महीने में निवेश करना इसलिए फायदेमंद रहता है.

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