घर, कार, बच्चों की पढ़ाई जैसे दूसरे बड़े खर्चों के लिए हम सभी को लोन की जरूरत होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि बैंक आपकी जरूरत के मुताबिक लोन दे ही दें, और यदि दिया भी तो ब्याज दरें इतनी अधिक होंगी कि उसे भरते भरते आपकी कमर की टूट जाएगी.
कई बार हम ना-समझी में और कभी लापरवाही के चलते अपना क्रेडिट स्कोर खराब कर लेते हैं. ऐसे में जरूरी है कि लोन के लिए एप्लाई करने से पहले हम अपना क्रेडिट स्कोर ठीक कर लें.
क्रेडिट स्कोर के क्या हैं पैमाने
क्रेडिट ब्यूरो आपका क्रेडिट स्कोर 300 से लेकर 900 के बीच तय करते हैं. 750 का स्कोर बेहतर माना जाता है. वहीं 675 के क्रेडिट स्कोर को कई बैंक बैंच मार्क मानते हैं. इससे नीचे क्रेडिट स्कोर होने पर बैंक अक्सर लोन देने से मना कर सकते हैं. वहीं यदि बैंक लोन देने के लिए तैयार भी हो गए तो आपको अधिक ब्याज दर की पेशकश की जाएगी. ऐसे में आपका क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होगा. आपको लोन भी उतनी जल्दी और आसान शर्तों पर मिल जाएगा.
समय समय पर जांचते रहें क्रेडिट स्कोर
अक्सर हम सिर्फ लोन लेने की स्थिति में ही क्रेडिट स्कोर का पता करते हैं. लेकिन इस स्थिति में आपकी जरूरत इतनी बड़ी होती है कि आप न तो क्रेडिट स्कोर को ठीक करने के बारे में सोच पाते हैं, और न हीं बैंक से कम ब्याज दर के लिए मोलतोल कर पाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप समय-समय क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते रहें. मकान लेने की सोच रहे हैं तो हर महीने क्रेडिट स्कोर जांच लें. इससे आपको अपने कमजोर पक्षों का पता चल जाएगा.