रंग जीवन पर तमाम तरह से असर डालते हैं, क्योंकि रंगों के भीतर एक तरह की ऊर्जा भरी होती है. ये रंग हम को प्रकृति से मिले हैं. इन से हमारी पसंद और नापसंद का भी पता चलता है. पहले घर की दीवारों का रंगरोगन कराना सरल काम होता था, क्योंकि रंगरोगन के लिए कुछ गिनेचुने रंग ही आते थे. अब हालात बदल चुके हैं. रंगरोगन कराना अब किसी चित्रकारी कला से कम नहीं रह गया है.
इंटीरियर डिजाइनर भूमिका गुप्ता क हती हैं कि रंगरोगन को अब वाल फैशन के नाम से जाना जाता है. रंगरोगन पहले घर की सफाई के लिए होता था, अब वाल फैशन से दीवारों को अलगअलग ढंग से सजाने का काम होता है. इस बात को ध्यान में रख कर अब पेंटिंग के सामान बनाने वाली कंपनियां कई तरह के रंग भी बनाने लगी हैं. घर की अंदरूनी दीवारों पर अपने सपनों के रंग भरने के लिए लोग अब डिफरेंट कलर कौंबिनेशन और डिजाइनिंग पेंट के लिए लाखों रुपए खर्च करने लगे हैं और लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए बाजार में अलगअलग तरह के बैस्ट क्वालिटी के पेंट्स भी मिलने लगे हैं.
लखनऊ में पेंट्स कारोबार से जुड़े प्रदीप सिंघल कहते हैं कि रंगों में लोगों को कई चीजें चाहिए होती हैं. जैसे पेंट्स लंबे समय तक चलने वाले होने चाहिए. इन पर गंदगी का असर कम हो और इन को धुलाई कर के साफ और चमकदार बनाया जा सके. आजकल ईकोफ्रैंडली और हैल्दी होम पेंट्स की मांग भी खूब हो रही है, जिस से केवल घर की सेहत ही नहीं, घर वालों की सेहत भी सही रह सके.