क्या आप घर में पुराने फ़र्निचर देखकर थक चुके है, क्या उसे आप बदलना चाहते है? बजट कम है? आइये बताते है कुछ आसान बातें, जिससे आप घर की फर्नीचर को अपने बजट और टेस्ट के अनुसार बदल सकते है या फिर नए घर को सजा सकते है.

मुंबई जैसे शहर में, जहाँ फ्लैट्स बाकी शहरों की तुलना में काफी छोटे होते है,कस्टमाइज्डफर्नीचर का प्रचलन अधिक है. सही ढंग से फर्नीचर रखे होने पर हर कमरे की जगह सही तरीके से उपयोग करना संभव होता है.साथ ही कमरे बड़े और अच्छे लगते है, जिसे आजकल फ्लैट या मकान मालिक करवाना पसंद करते है. इसके अलावा घर की फर्नीचर को बदलने के लिए भी अनुकूल फर्नीचर मार्केट से रेडीमेड खरीदकर या जगह के अनुसार कारीगर के द्वारा बनाया जा सकता है, इसमें सभी काम बजट के अनुसार ही किया जाता है. इस बारें में कारपेंटर श्यामलाल कहते है कि मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ, मुंबई आकर कम जगह में फर्नीचर बनाने की कला सीखी और अब मैंने कई फ्लैट्स में कस्टमाइज्ड फर्नीचर बनाए है, जिसे फ्लैट मालिक बहुत पसंद करते है, वे कहते है कि इसमें पहले ओनर के साथ मिलकर फर्नीचर का खाका तैयार करना पड़ता है,इसके बाद लकड़ियों का चयन और बनाने का कॉस्ट बताता हूँ,मैं अधिकतर अच्छी लकड़ियों से ही फर्नीचर बनाता हूँ, जो काफी सालों तक चलती है. बजट कम हो तो इंजिनीयर वुड से भी फर्नीचर बनता हूँ.

कस्टमाइज्डफर्नीचर है क्या

  • इस तरह के फर्नीचर ओनर अपने स्टाइल से आर्डर देकर अपने पसंद के अनुसार कारपेंटर को बुलाकर फ़र्निचर बनाते है.
  • ऐसे फर्नीचर एक्सक्लूसिव होते है, क्योंकि वैसी डिजाईन मार्केट में नहीं मिलता.
  • कस्टमाइज्डफर्नीचर अधिकतर ट्रेडिशनल होते है, जिसमे कारपेंटर की कारीगरी खास होती है, क्योंकि इसे बनाने के लिए स्किल्ड कारीगर और शिल्पी की जरुरत होती है, इसलिए ऐसे काम करने वाले कारीगर भी कम है और इसका खर्चा भी बाकी फर्नीचर से अधिक होता है, क्योंकि इसमें प्रयोग किये जाने वाले मटेरियल और लकड़ियाँ भी बहुत खास होती है.

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