नये साल का स्वागत हमेशा खुशियों के साथ होता है. कई योजनायें लागू करने की बात होती है. कुछ रेसोल्यूशन भी किये जाते है, लेकिन कई बार ये न हो पाने की स्थिति में मायूसी मिलती है. साल 2020 बहुत सारे समस्याओं के साथ गुजरने वाला है. कोविड 19 पेंडेमिक ने कुछ परिवारों के कई प्रिय व्यक्ति को खोया है, किसी की नौकरी गयी, तो किसी को काम के पैसे तक नहीं मिल रहे है. लोग भुखमरी और दूसरी बीमारी के शिकार हो रहे है. देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है, ऐसे में नया साल पूरे विश्व के लिए चुनौती और संघर्ष के साथ आने वाला है. नए वर्ष की पूर्व संध्या की योजनाएं भी इस साल रात्रि लॉकडाउन के चलते पिछले कई वर्षों की तुलना में अलग होंगी.
इस बारें में कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट डॉ. शौनक अजिंक्य कहते है कि नये वर्ष को कहीं पार्टी में जाने या करने के बजाय आराम से अपने परिवार के साथ बैठकर इसे घर पर मनाये या फिर किसी मूवी का आनंद ले, पर इस वर्ष 31 दिसंबर से पहले नये साल के लिए संकल्प लेने से न भूलें, क्योंकि नया साल बहुत सारी चुनौती के साथ आपके जीवन में प्रवेश करने वाला है.
प्राचीन इतिहास के अनुसार नये वर्ष पर संकल्प लेने की अवधारणा, रोमन काल से जुड़ी है, जो जैनस (जिनके नाम पर जनवरी महीने का नाम पड़ा) को वचन देकर हर वर्ष का शुभारंभ करते थे और उसे पूरा करने की कोशिश करते थे.
वर्ष 2019 में कराये गये ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 28 प्रतिशत अमेरिकियों ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2020 के लिए 'नव वर्ष संकल्प' लिये थे और अधिकांश लोगों को उम्मीद थी कि वे अपने संकल्पों को पूरा कर सकेंगे, लेकिन महामारी ने उनकी सभी योजनाओं को बर्बाद कर दिया, पर वे हतोत्साहित होने के बजाय, फिर से कोशिश करने लगे है, जो अच्छी बात है, ऐसे ही कुछ संकल्प के बारें में डॉ. शौनक ने बात की, जो निम्न है,