कहते हैं औरत ही औरत को समझती है. नारी चरित्र और उसको समझने के विषय में लम्बे चौड़े लेख लिखे जा चुके हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नारी को समझना आसान काम नहीं है. खास तौर पर पुरुषों के लिए. महिलाएं रोजमर्रा के जीवन में भी कई बार पुरुषों के लिए पहेली बनी रहती हैं. कुछ ऐसी बाते हैं जो सामान्य तौर पर हर औरत कहती है जिसे समझना पुरुषों के लिए टेढ़ी खीर बन जाता है.
देखते हैं
ज्यादातर पुरुष स्पष्ट तौर पर बात करते हैं, वहीं महिलाएं बातों को गोल मोल कर देती हैं. इन गोल मोल बातों में शामिल है देखते हैं. दरअसल महिलाएं न कहना नहीं सीख पातीं. इसलिए ज्यादातर महिलाएं न बोलने की जगह देखते हैं बोलती हैं. ये शब्द पुरुषों को असमंजस में डाल देते हैं कि महिला काम को करेगी या नहीं.
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क्या मैं मोटी लग रही हूं?
एक ऐसा सवाल जो महिलाओं की जुबान पर आए दिन बना ही रहता है. खास तौर पर तब जब वो मन से तैयार हो रही हों. ऐसे में वो अपना पसंदीदा सवाल जब पुरुषों से करती हैं तो बदले में जवाब अपने मन माफिक ही चाहती हैं. लेकिन जवाब क्या देना है ये पुरुष आज तक तय नहीं कर पाए. क्योंकि अगर वो हां कहते हैं तो मुसीबत और न कहते हैं तो भी मुसीबत. इन दोनों ही जवाबों से महिलाएं संतुष्ट नहीं हो पाती.
क्या सोच रहे हो?
पुरुष को शांत और खुद में खोया देखकर महिलाएं जानने की इच्छुक हो जाती हैं कि पुरुष के मन में क्या चल रहा है. जब रहा नहीं जाता तो पूछ ही बैठती हैं कि क्या सोच रहे हो? अब जवाब क्या दें, ये पुरुष तय नहीं कर पाते. क्योंकि अगर वो सही जवाब देंगे तो उन्हें सौ सवालों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए आम तौर पर पुरुषों का जवाब कुछ नहीं रहता है.