अगर आप एडवेंचर्स स्पोर्ट्स की शौकीन हैं और काफी समय से आप इस बारे में प्लानिंग कर रहीं है तो आपको ऐसी जगह जाना चाहिए जहां पर सैर-सपाटे के साथ गेम्स का मजा भी आप ले सकें. आज हम आपको फिनलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं. जो छोटा-सा देश है, लेकिन यात्रा के लिहाज से यहां बहुत कुछ है, आइए, जानते हैं यहां की खास बातें.
लकड़ियों की इमारतें
लकड़ी की इमारतों के निर्माण की सदियों पुरानी परंपरा यहां आज भी जिंदा है. काष्ठ गृहों का संग्रहालय सन् 1909 में बनाया गया था. यहां 15 हेक्टेयर जमीन में फिनलैंड के कोने-कोने में बनने वाले देहाती काष्ठ घरों को प्रदर्शित किया गया है. लेकिन लकड़ी के असल नए-पुराने घरों का नजारा करने के लिए पोर्वो से बेहतर कोई जगह नहीं.
हाइवे ई 18 पर स्थित पोर्वो और हेलसिंकी के बीच केवल आधे घंटे का फासला है. सड़क मार्ग पर बहुत दूर नजर दौड़ाने पर छितराये हुए घर दिखेंगे. मीलों तक फैले खेत खलिहान, वनों की अपार श्रृंखला के बीच नए-पुराने काष्ठघरों की कतारें देखी जा सकेगी. रास्ते भर खालिस फिनिश देहाती संस्कृति के दीदार होंगे सो अलग. पोर्वो पहुंचकर पथरीली गलियों से गुजरकर 13वीं व 14वीं सदी के संरक्षित मकानों की कतारें मन मोह लेती हैं. पचास हजार की आबादी में दर्जन भर कला वीथिकाओं, संग्रहालयों, 140 स्पोर्ट्स क्लबों वाला यह कस्बा फिनलैंड के राष्ट्रीय कवि रूनबर्ग की जन्मस्थली और कर्मस्थली भी रहा है.
खेलों से प्रेम
हेलसिंकी फिनलैंड का सबसे बड़ा शहर और राजधानी है, यहां की एक और विशेषता है यहां के निवासियों का अगाध खेल प्रेम. अपने भव्य ओलंपिक क्षेत्र को फिनिश किसी तीर्थ से कमतर दर्जा नहीं देते. इस ओलंपिक क्षेत्र में विविध खेलों की व्यवस्था है. फुटबाल स्टेडियम में बना 72 मीटर ऊंचा टौवर 1940 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी के समय तैयार किया गया था.