खाना बनाने और दोस्तों ये तो हम सभी जानते है की खाना बनाते समय साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए , ताकि उस खाने से परिवार के लोगों की सेहत बेहतर बनी रहे. लेकिन एक अहम चीज हम अकसर भूल जाते हैं और वह है हमारे बर्तन. जी हां, भोजन की पौष्टिकता में यह बात भी मायने रखती है कि आखिर उन्हें किस बर्तन में बनाया जा रहा है. और हम किस प्रकार के बर्तन में भोजन कर रहे हैं, इसका भी असर हमारे स्वास्थ्य एवं स्वभाव दोनों पर देखने को मिलता है.
आपको शायद मालूम न हो, लेकिन आप जिस धातु के बर्तन में खाना पकाते हैं उसके गुण भोजन में स्वत: ही आ जाते हैं. तो चलिए आज हम जानते है की हमें किस प्रकार के बर्तन में भोजन पकाना चाहिए और किस प्रकार के बर्तनों में भोजन करना चाहिए -
1. पीतल के बर्तन
पीतल के बर्तन हीट के गुड कंडक्टर होते हैं. पुराने जमाने में इनका इस्तेमाल ज्यादा होता था. पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं.
पीतल के बर्तन एसिड और सॉल्ट के साथ प्रक्रिया करते हैं. इसलिए खट्टी चीजों का या अधिक नमक वाली चीजों को इसमें पकाना या खाना नहीं चाहिए, वरना फूड पॉइजनिंग हो सकती है.
2. कॉपर(तांबा) के बर्तन-
नेशनल इंस्टीटय़ूट आफ हेल्थ के अनुसार खाने में मौजूद ऑर्गेनिक एसिड, कॉपर के बर्तनों के साथ प्रतिक्रिया करके ज्यादा कॉपर पैदा कर सकता है, जो शरीर के लिए नुकसानदेह होता है. इससे फूड प्वॉयजनिंग भी हो सकती है.