दुनिया में जाहिरी गौड पैसा है यानी पैसा सेकंड गौड है. इसमें, शायद, मतभेद भी नहीं है. पैसा है तो तकरीबन सबकुछ है. क्या आप उन करोड़ों भारतीयों की तरह हैं जो सालों से नौकरी कर रहे हैं पर बचत और निवेश के नाम पर उनके पास कुछ ख़ास नहीं है? अगर ऐसा है तो बदलिए अपने आप को.
दुनिया के सफलतम निवेशकों में से एक वारेन बफेट ने पैसों से सम्बंधित दो बड़े आसान नियम दिए हैं-
पहला नियम है कि -
पैसे मत गंवाइए.
और दूसरा नियम है कि -
पहला नियम मत भूलिए.
इतने बड़े इन्वेस्टमेंट गुरु का यह कथन दर्शाता है कि 'पैसा' कितनी ज़रूरी चीज है. और सच ही तो है… अगर एक इंसान का जीवन देखा जाए तो अस्पताल में पैदा होने से ज़िन्दगी के आखिर दिन तक… हर कदम पर इंसान को पैसों की ज़रूरत पड़ती है.
अर्थात, पैसा कमाना बहुत ज़रूरी है और उतना ही ज़रूरी है उस पैसे को सही से मैनेज करना. पैसों के सही मैनेजमेंट से कोई भी अपने फाइनेंशियल गोल्स यानी जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकता है.
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जीवन के वित्तीय लक्ष्य
इससे मेरा मतलब उन सपनों या जिम्मेदारियों से है जिन्हें पूरा करने के लिए हमें काफी पैसों की ज़रूरत होती है. जैसे कि-
घर खरीदना
बच्चों की उच्च शिक्षा
रिटायरमेंट आदि.
कोई भी गोल अचीव यानी लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक उचित प्लानिंग करनी होती है. और पूरे अनुशासन के साथ उस पर अमल करना होता है. फाइनेंशियल प्लानिंग यानी वित्तीय योजना और इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें समझते हैं.