कोरोना के कारण हम ने अपनी स्किन केयर को अनदेखा करना शुरू कर दिया है खासकर युवाओं ने. उन्हें लगता है कि अभी हमें घर में ही तो रहना है, कहीं जाना नहीं है, कोई देखने वाला है नहीं है, किसी से मिलना नहीं है, इसलिए स्किन की देखभाल न भी करें तो क्या फर्क पड़ता है. जबकि वे इस बात से अनजान हैं कि उन की यह सोच उन की स्किन को खराब करने का काम कर रही है.
भले ही वे फेसबुक, इंस्टाग्राम या फिर किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर फिल्टर्स का सहारा ले कर खुद को खूबसूरत दिखा कर दूसरों की वाहवाही लूट रहे हों, लेकिन असलियत इस से काफी अलग है. ऐसे में अगर आप हमेशा नैचुरली यंग व ब्यूटीफुल स्किन पाना चाहती हैं तो समय से पहले हो जाएं सावधान वरना आप की स्किन छोटी उम्र में भी 60 जैसी दिखने लगेगी. तो आइए जानते हैं कि कैसे आप खुद को रखें यंग:
कब होती है झुर्रियों की समस्या
उम्र के 20वें वर्ष में त्वचा अपने शबाब पर होती है. उस पर प्रौब्लम्स कम व चेहरे पर ग्लो, रौनक व आकर्षण ज्यादा होता है. लेकिन जब इस उम्र में त्वचा के प्रति लापरवाही बरती जाती है तो चेहरे पर फाइन लाइंस के साथसाथ झुर्रियां भी नजर आने लगती हैं.
ये स्किन पर तब नजर आती हैं जब स्किन के अंदर, जो हमारी स्किन की ऊपरी लेयर को सपोर्ट करने वाली कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन की लेयर होती है, उस में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिस से स्किन अपना मौइस्चर व ब्यूटी खोने लगती है. इसलिए आप खुद को झुर्रियों से दूर रखने के लिए स्किन केयर के साथसाथ हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को फौलो करना न भूलें.
टैंशन को रखें खुद से दूर
आज चाहे बात घर की हो या फिर बाहर की, हर जगह स्ट्रैस का माहौल व्याप्त है. किसी को इस महामारी के कारण अपनों के जाने का डर व गम है, तो किसी को कैरियर की चिंता सता रही है तो किसी को जौब के जाने का खौफ खासकर के यंगस्टर्स काफी स्ट्रैस में हैं, जो उन की हैल्थ को बिगाड़ने का काम कर रहा है.
बता दें कि हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रैस हारमोन होता है, जो हमारे ज्यादा चिंतित रहने के कारण उस का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस की वजह से चेहरे पर मुंहासे, फाइन लाइंस, मैटाबोलिज्म में असंतुलन होने लगता है, जिसे समय रहते कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. इसलिए जितना हो सके पौजिटिव सोचते हुए खुद को स्ट्रैस से दूर रखें वरना आप की यह टैंशन आप के चेहरे की रौनक को चुरा लेगी.
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घरेलू नुसखे भी असरदार
समय से पहले बूढ़ा होना कोई नहीं चाहता. ऐसे में ये घरेलू नुसखे थोड़े ही दिनों में आप की झुर्रियों को छूमंतर कर के फिर से आप को यूथफुल स्किन देने का काम करेंगे:
– रोजाना ऐलोवेरा जैल से चेहरे की मसाज करने से न सिर्फ चेहरा मिनटों में खिल उठता है, बल्कि स्किन में कोलेजन बढ़ने से स्किन हाइड्रेट रहने के साथसाथ झुर्रियां भी कम होती हैं.
– केला न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह स्किन की भी रंगत बदल देता है, क्योंकि यह एंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होने के साथसाथ नैचुरल डीटौक्स का भी काम कर के चेहरे पर फाइन लाइंस व झुर्रियों से बचाने का काम करता है. इस के लिए आप केले का पेस्ट बना कर उसे चेहरे पर अप्लाई करें, फिर आधे घंटे बाद चेहरे को पानी से क्लीन कर लें. आप को कुछ ही हफ्तों में सुधार नजर आने लगेगा.
– नारियल के तेल में मौइस्चराइज व हाइड्रेट करने वाली प्रौपर्टीज होने के कारण ये स्किन की इलास्टिसिटी को इंप्रूव कर के स्किन को सौफ्ट बनाने का काम करती हैं. इस के लिए आप रोजाना रात को इस से मसाज कर के सुबह चेहरे को क्लीन करें. इस से आप को धीरेधीरे झुर्रियां कम होती नजर आने के साथसाथ आप का चेहरा भी निखर उठेगा.
– और्गन औयल लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से अवशोषित हो जाता है. साथ ही इस में फैटी ऐसिड्स व विटामिन ई होने के कारण यह फाइन लाइंस व झुर्रियों से बचाता है. इस के लिए आप रात को और्गन औयल से चेहरे की मसाज कर के छोड़ दें. आप को महीनेभर में रिजल्ट दिखने लगेगा.
कुछ खास हैबिट्स जो बचाएंगी ऐजिंग से
– चाहे आप का बाहर आनाजाना हो या नहीं, फिर भी आप रोजाना सीटीएम रूटीन यानी क्लींजिंग, टोनिंग व मौइस्चराइजिंग जरूर करें, क्योंकि इस से स्किन पर जमा गंदगी रिमूव होने के साथसाथ स्किन का नैचुरल पीएच लैवल बना रहता है, जो स्किन को यंग बनाने का काम करता है.
– अधिकांश लोग यही सोचते हैं कि अगर घर से बाहर नहीं जाना तो सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है, जबकि आप को बता दें कि ऐसा नहीं है, क्योंकि जब हम घर में स्किन डैमेजिंग लाइट्स जैसे ब्लू लाइट, जो स्मार्ट डिवाइस से, अल्ट्रावायलेट रेंज के संपर्क में आते हैं, तो भले ही उस से स्किन टेन नहीं होती है, लेकिन यह कोलेजन व इलास्टिक टिशू को ब्रेक करने के कारण समय से पहले ऐजिंग व स्किन कैंसर का कारण बनती है. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा करें.
– ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बिलकुल न करें, जो स्किन पर जलन पैदा करने का काम करते हों, क्योंकि इस से स्किन का नैचुरल मौइस्चर व ग्लो खोने लगता है व ऐजिंग की समस्या सामने आती है.
– मेकअप रिमूव कर के ही सोएं वरना मेकअप में इस्तेमाल होने वाले कैमिकल्स स्किन पर जल्दी ऐजिंग इफैक्ट्स लाने का काम करते हैं.
– तलाभुना खाने के बजाय पौष्टिक डाइट लें. इस से आप की स्किन अंदर से भी खिल उठेगी.
– जितना हो सके शुगर का इन्टेक कम करें, क्योंकि ब्लड शुगर लैवल बढ़ने से ऐजिंग का प्रोसैस जल्दी व तेजी से बढ़ता है.
जरूरी है ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट
थोड़ी सी सावधानी और देखभाल से किस तरह हमेशा यंग लुक रहता है, बता रही हैं डर्मैंटोलौजिस्ट, डाक्टर भारती तनेजा:
– बात अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की की जाए तो कोलेजन को या तो अंदर से बनाया जा सकता है या फिर ऊपर से डाला जा सकता है. लेकिन सब से आसान तरीका जो है, जो पहले 30-40 की उम्र में लोग लेना शुरू करते थे, लेकिन आज छोटी उम्र में ही लेना शुरू हो गए हैं और इस में कोई खराबी भी नहीं है, क्योंकि आज बढ़ता प्रदूषण, मेकअप का ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण स्किन अपनी इलास्टिसिटी खोने लगती है, जिस से स्किन पर फाइन लाइंस दिखने लगती हैं.
– ऐसे में इस प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए फिलर्स का सहारा लिया जाता है, जो आज के समय में बेहतरीन इलाज माना जाता है. इस के जरीए जहां पर भी यानी स्किन के नीचे जहां जगह बन गई होती है या फिर जहां कोलेजन खत्म हो गया है, वहां फिलर्स भर दिया जाता है. फिलर्स यानी ह्यालूरोनिक ऐसिड भर दिया जाता है, जो स्किन के अंदर जा कर कोलेजन व इलास्टिन को एकदम से बनाना शुरू कर देता है. इस से स्किन फिर से खिल उठती है. यह इलाज कुछ ही मिनटों में हो जाता है.
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– जिस तरह से लेजर ट्रीटमैंट के जरीए चेहरे से अनचाहे बालों को हटाया जाता है, उसी तरह लेजर के जरीए झुर्रियों का भी इलाज किया जाता है, क्योंकि यह स्किन को रीजनरेट करने का काम करती है. यह ट्रीटमैंट बहुत सालों से झुर्रियों के लिए दिया जाता है. इस में बस काफी दिनों तक रैग्युलर ट्रीटमैंट लेने की जरूरत होती है. इस से स्किन फिर से खुद से कोलेजन बनाना शुरू कर देती है, जो झुर्रियों को खत्म करने का काम करता है और यंग स्किन देता है.
– स्किन को ऐक्सफौलिएट करने से भी झुर्रियों की समस्या का निदान होता है. ऐक्सफौलिएट करने के लिए अगर लेटैस्ट ट्रीटमैंट की बात करें तो एक कार्बन ऐक्सफौलिएशन होता है, साथ ही इस के साथ मिला कर लेजर का इस्तेमाल भी किया जाता है.
– आजकल हाइड्रोडर्मा विजन का भी काफी चलन है. इस में वाटर के साथसाथ खास तरह के सीरम का इस्तेमाल कर के स्किन को ऐक्सफौलिएट किया जाता है. इस से स्किन से झुर्रियों की समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है.
– हम हाइड्रोनिक ऐसिड, सीरम व कोलेजन को जब भी स्किन के अंदर डालना चाहते हैं तो उस के लिए सब से अच्छा तरीका होता है अल्ट्रासोनिक मशीन का इस्तेमाल करना. यह किसी भी चीज को स्किन के अंदर पेनिट्रेट करने में मदद करती है. इस तरह आप ऐडवांस्ड ट्रीटमैंट की मदद से झुर्रियों से छुटकारा पा सकती हैं.
किस को ज्यादा रिस्क
जिन की स्किन ड्राई व डीहाइड्रेट होती है, उन्हें झुर्रियों का खतरा सब से ज्यादा होता है. ड्राई स्किन का मतलब जिस में औयल की कमी होती है और डीहाइड्रेट स्किन का मतलब जिस में पानी की कमी होती है, क्योंकि पानी और औयल दोनों का बैलेंस ही स्किन को खूबसूरत बनाता है, रिंकल्स फ्री बनाता है और स्किन देखने में पल्म व टाइट नजर आती है. इसलिए स्किन की ड्राइनैस व पानी की कमी को पूरा करने के लिए खुद को हाइड्रेट रखने के साथसाथ फेस पर स्किन टाइप के हिसाब से मौइस्चराइजर भी जरूर अप्लाई करें.
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