ऐसे पाएं बेदाग स्किन के साथ लंबे घने बाल

ऐसे पाएं बेदाग स्किन के साथ लंबे घने बाल अगर आप भी ग्लोइंग त्वचा के साथ खूबसूरत बालों की ख्वाहिश रखती हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है… कई महिलाएं अपनी त्वचा और बालों की समस्याओं का संबंध जीवनशैली या जेनेटिक फैक्टर्स से जोड़ती हैं. आमतौर पर वे बालों के नुकसान को अनदेखा कर देती हैं. उन्हें लगता है कि तनाव और बालों की देखभाल के लिए समय न निकाल पाना इन समस्याओं के कारण हैं. लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता कि शरीर में न्यूट्रिशन लैवल पर त्वचा और बालों का स्वास्थ्य निर्भर होता है.

न्यूट्रिशन और आदर्श विटामिन लैवल दोनोें त्वचा को स्वस्थ, मुलायम और बालों को घना व मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. डाइट और पाचन खराब होने से पोषण में कमी पैदा होती है. इससे त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं और त्वचा के कुल स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. कई बार आहार में कोई कमी नहीं होती, लेकिन फूड सैंसिटिविटी या ऐलर्जी त्वचा रोग का कारण बनती है.

अध्ययनों ने साबित किया है कि ऐंटीऔक्सीडैंट की फोटो प्रोटैक्टिव क्षमता का त्वचा की प्रतिरक्षा प्रणाली पर सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की पूर्ति के प्रभावों के साथ सहसंबंध होता है. आइए जाने कि विटामिन की कमी त्वचा और बालों को कैसे प्रभावित कर सकती है. त्वचा की देखभाल में पोषण की भूमिका विटामिन ए, बी3 और बी12 की अहमियत: पूरे मानव शरीर खासकर त्वचा के पोषण में विटामिन ए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन ए की कमी से स्वैट डक्ट्स में रुकावट, औयल ग्लैंड्स में कमी और फ्राइनोडर्मा, जेरोसिस और त्वचा पर झुर्रियां आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं. आमतौर पर कुपोषित लोगों खासकर बच्चों में ये समस्याएं देखी जाती हैं. विटामिन ए की कमी के कारण कुहनियों, घुटनों, नितंबों पर खुरदरी काली त्वचा देखी जाती है.

विटामिन बी3 की कमी के कारण गरदन जैसे आमतौर पर खुले रहने वाले भागों पर फोटो सैंसिटिविटी और रैशेज जैसे सनबर्न हो जाते हैं. इसी तरह इस से हाथों और पैरों में दरारें भी पड़ सकती हैं जिसे पेलेग्रस ग्लव्स और बूट्स कहा जाता है. कई बार इस से त्वचा छिल सकती है. कई महिलाएं इस बात को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन कई गंभीर मामलों में यह घातक साबित हो सकता है. विटामिन बी 12 की कमी आमतौर पर उन में देखी जाती है जिन के खाने में मक्का हर दिन होता है या जो शराब पीते हैं अथवा जो दवा ले रहे हैं. इस से त्वचा पर हाइपरपिग्मैंटेशन त्वचा में सूजन और इन्फैक्शन, डार्क सर्कल्स आदि समस्याएं हो सकती हैं. इन का इलाज न करना जानलेवा भी हो सकता है. दूध, पनीर, दही, अंडे, केला, स्ट्राबेरी, टूना मछली, चिकन आदि में विटामिन बी 12 भरपूर होता है.

इन पदार्थों का सेवन करना चाहिए. शरीर में बी 12 के स्तर को बढ़ाने के बारे में डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए. विटामिन सी का महत्त्व कोलोजन बनने के लिए विटामिन सी आवश्यक है, त्वचा का टाइटनिंग और त्वचा में युवा दिखने के लिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण प्रोटीन है. अध्ययनों ने साबित किया है कि विटामिन सी के रोजाना सेवन से त्वचा की झोर्रियों में सुधार हो सकता है और त्वचा के कुल टैक्सचर में सुधार हो सकता है. विटामिन सी ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर होता है जो अच्छी त्वचा के लिए फायदेमंद होता है. विटामिन सी की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है और उस की घाव भरने की क्षमता कम हो सकती है. विटामिन सी की कमी से स्कर्वी भी हो सकता है.

स्कर्वी के लक्षणों में रक्तस्राव के कारण त्वचा पर दिखाई देने वाले गोल धब्बे रक्तस्राव के कारण त्वचा का रंग फीका पड़ना और स्वान नैक हेयर शामिल हैं. जिंक का महत्त्व जिंक की कमी से त्वचा में दरारें, सूखी त्वचा और रैशेज हो सकते हैं. जिंक की कमी से मुंहासे, त्वचा में संक्रमण भी हो सकता है और त्वचा की घाव भरने की क्षमता भी कम हो सकती है. कई केसेज में मुंह और नितंबों के आसपास लाल पपड़ीदार पैच दिखाई दे सकते हैं. लोकल ऐप्लिकेशन और क्रीम्स मौइस्चराइजर से इस की कमी का इलाज नहीं किया जा सकता है. इलाज में दवाइयों और अच्छे खाने के जरीए जिंक इनटेक शामिल है.

शरीर में जिंक लैवल क्या है उस के आधार पर डाक्टर जिंक सप्लिमैंट्स का सुझाव दे सकते हैं. आयरन का महत्त्व शरीर में लोहे की कमी के कारण बेजान, रूखी त्वचा, काले घेरे, नाखूनों का टूटना आदि समस्याएं हो सकती हैं. कुछ मामलों में इस से जीभ में सूजन, ऐंगुलर चेलाइटिस भी हो सकता है. इस के अलावा त्वचा में खुजली हो सकती है और खरोंचने पर त्वचा लाल, पपड़ीदार हो सकती है. आयरन की कमी से होने वाले रैशेज के कारण त्वचा के नीचे लाल या बैगनी रंग के धब्बे हो सकते हैं. बायोटिन एक पानी में घुलने वाला विटामिन बी है जो फैट और कार्बोहाइड्रेट चयापचय के लिए आवश्यक प्रतिक्रियाओं के लिए कोऐंजाइम के रूप में कार्य करता है.

बायोटिन की कमी बहुत आम समस्या नहीं है. बायोटिन की कमी से त्वचा में पैदा होने वाले लक्षणों में पैची रैड रैश आमतौर पर मुंह के पास, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस और फंगल त्वचा व नाखूनों में इन्फैक्शन शामिल हैं. बालों की देखभाल में पोषण की भूमिका आयरन और विटामिन बी12 का महत्त्व: बालों का समय से पहले ग्रे होना या कैनिटी एक आनुवंशिक प्रवृत्ति है. आयरन, विटामिन डी, फोलेट, विटामिन बी 12 और सेलेनियम ऐसे विटामिन और खनिज हैं जिन की कमी की वजह से बचपन या शुरुआती वयस्कता के दौरान बालों के ग्रे, सफेद होने की समस्या हो सकती है. इन सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने से बालों के समय से पहले ग्रे होने की समस्या में सुधार हो सकता है.

विटामिन बी12 की कमी से बाल झड़ते हैं और रूखे और बेजान हो जाते हैं. विटामिन बी12 मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के बनने के लिए बहुत जरूरी है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में औक्सीजन ले जाती हैं. जब किसी व्यक्ति में विटामिन बी12 की कमी होती है, तो बालों के रोमों को नए बाल पैदा करने के लिए पर्याप्त औक्सीजन नहीं मिलती है. परिणामस्वरूप बालों के रोम कुशलतापूर्वक काम नहीं कर पाते हैं और बाल ?ाड़ने लगते हैं. आयरन की कमी का बालों पर असर विटामिन बी 12 की कमी की तरह ही स्वस्थ बालों के लिए आयरन का सेवन भी बहुत महत्त्वपूर्ण होता है.

आयरन एक महत्त्वपूर्ण खनिज है जो मानव शरीर और लाल रक्त कोशिकाओं के समुचित कार्य में मदद करता है. जब किसी व्यक्ति में आयरन की कमी होती है, तो शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं बालों के रोम तक औक्सीजन नहीं पहुंचा पाती हैं. लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है, जो रक्त को ऊतकों, कोशिकाओं और महत्त्वपूर्ण अंगों सहित शरीर के विभिन्न भागों में ले जाता है. हीमोग्लोबिन उन कोशिकाओं की मरम्मत करता है जो बालों के आदर्श विकास में योगदान देती हैं. आयरन की कमी से बालों का अत्यधिक ?ाड़ना, बालों की ठीक से न बढ़ पाना आदि समस्याएं पैदा होती हैं.

इस से महिलाओं और पुरुषों में गंजापन जल्दी हो सकता है. शरीर में आयरन को स्वस्थ लैवल को बनाए रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, मुनक्का, काजू और दालों का सेवन नियमित रूप से करें. अपना आयरन लैवल जानने और शरीर में आयरन लैवल को बढ़ाने के संभव विकल्पों के बारे में जानने के लिए डाक्टर से बात करें. जिंक की कमी का बालों पर असर अध्ययनों से यह भी साबित हुआ है कि जिंक की कमी से बालों के रोम की प्रोटीन संरचना प्रभावित हो सकती है जो बालों की मजबूती को बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण होती है. जिंक हारमोनल संतुलन को बनाए रखता है और हारमोनल असंतुलन बालों के झड़ने का एक प्राथमिक कारण है.

विटामिन सी की कमी और बाल विटामिन सी की कमी से बाल दोमुंहे और सूखे हो सकते हैं. शरीर में जब विटामिन सी मौजूद होता है तभी आयरन को अब्सौर्ब किया जा सकता है. इसलिए अगर किसी के शरीर में विटामिन सी की कमी है तो उस से शरीर में आयरन का स्तर भी प्रभावित होता है जिस के परिणामस्वरूप बालों का ?ाड़ना शुरू हो जाता है. आहार में विटामिन, आयरन और जिंक की कमी से ऐक्यूट टेलोजेन एफ्लुवियम और बालों का समय से पहले सफेद होना हो सकता है. बालों को धोते, कंघी करते यहां तक कि उंगलियों को चलाते समय अत्यधिक बालों का ?ाड़ना टेलोजेन एफ्लुवियम के संकेत हैं. इसलिए चमकती त्वचा और घने बालों के लिए आहार में सही प्रोटीन और विटामिन शामिल करें. -डा. रैना नाहर कंसल्टैंट, डर्मैटोलौजी, पीडी हिंदुजा हौस्पिटल ऐंड मैडिकल रिसर्च सैंटर, खार. द्य

झुर्रियां दूर करने के 5 आसान उपाय

क्या कभी आपने त्वचा की बात सुनी?

वैसे तो त्वचा में झुर्रिया उम्र के बढ़ने का एक संकेत होती है, लेकिन कई बार एक्सप्रेसिव फेस, डिहाइड्रेटेड स्किन या अधिक सन एक्सपोज़र से कम उम्र में भी झुर्रियां दिखाई पड़ सकती है. इसका सबसे अधिक असर चेहरे और हाथों की स्किन पर पड़ता है. उम्र को रोका नहीं जा सकता, लेकिन त्वचा की नियमित देखभाल से इसे कम अवश्य किया जा सकता है.

इस बारें में क्यूटिस स्किन क्लिनिक की डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. अप्रतिम गोयल कहती है कि त्वचा का हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए और ये कम उम्र से ही शुरू करनी चाहिए, ताकि आपकी आदत बनी रहे, क्योंकि त्वचा हमारी छठी सेंस ऑर्गन है और इसका ख्याल रखना सबसे अधिक आवश्यक है.

झुर्रियां पड़ने की खास वजह

डॉ. अप्रतिम आगे कहती है कि उम्र के बढ़ने के साथ त्वचा पतली और रुखी हो जाती है, इससे उसका लचीलापन कम हो जाता है और धीरे-धीरे त्वचा डेमेज होने लगती है और खुद रिकवर नहीं कर पाती. इससे झुर्रियां दिखाई पड़ने लगती है. आजकल कम उम्र में झुर्रियां दिखाई पड़ने की वजह व्यस्त जीवन शैली, कम नींद, तनाव और आहार सम्बन्धी लापरवाही है, जिसे समय रहते ठीक किया जा सकता है.

इसके अलावा जो लोग धूप में लम्बे समय तक काम या शूटिंग करते है, उनमे भी झुर्रियां जल्दी दिखती है, क्योंकि सूर्य की किरणों से त्वचा में मौजूद कोलेजन और इलास्टिक फाइबर अलग होने लगते है. जबकि ये दोनों मिलकर ही कोशिकाओं को बांधे रखते है, जिससे त्वचा कसी हुई नजर आती है, इस परत के टूटने से स्किन कमजोर हो जाती है और झुर्रियां पड़ने लगती है. त्वचा को तरोताजा रखने के 5 आसान टिप्स निम्न है,

पर्याप्त मात्रा में पानी का करें इनटेक

रोज सही मात्रा में पानी की इन्टेक से त्वचा हाइड्रेटेड रहती है, जो त्वचा पर सूखे की वजह से पतली धारियों को बनने से रोकती है. यह आसान, एफोर्डेबल और साधारण तरीका है, जिससे स्किन को तरोताजा होने से कोई रोक नहीं सकता.

विटामिन C और विटामिन A रिच फलों और सब्जियों का करें सेवन

फल और सब्जियां, जिसमे विटामिन C जैसे ऑरेंज, स्वीटलाइम, लेमन, अमरुद आदि कोलेजन को समन्वय करने में मदद करती है, जिससे स्किन की चमक और टेक्सचर में इम्प्रूव होता है. जबकि विटामिन A रिच फल और सब्जियां मसलन गाजर, पपीता, हरी सब्जियां आदि सभी रेटिनॉल के नैचुरल सोर्सेज है, जो स्किन टेक्सचर को ही नहीं बल्कि स्किन टोन को भी इम्प्रूव करती है.

सन एक्सपोज़र को करें लिमिट

अधिक समय तक धूप में रहने से बचना जरुरी है, क्योंकि बार-बार सूर्य की किरणों से कोलेजन के डेमेज होने पर स्किन की एजिंग प्रोसेस जल्दी शुरू हो जाती है और झुर्रियां दिखाई पड़ने लगती है. बाहर निकलते वक्त त्वचा की रक्षा के लिए स्कार्फ, कैप्स, और सनस्क्रीन अवश्य लगायें.

मैजिकल पल्प का करें प्रयोग

एलोवेरा पल्प को ओरली लेने या फेसपैक के रूप में प्रयोग करने पर स्किन हमेशा हाइड्रेटेड और स्मूथ रहती है, जिससे फ्रेश लुक बनी रहती है. ‘बनाना मास्क’ बनाने के लिए पके केले को मैश कर लगाने से भी त्वचा स्मूथ होती है, क्योंकि ये फेसपैक मोयस्चराइजर का काम करती है. ऑरेंज पल्प भी विटामिन C में रिच होता है, जो स्किन को ग्लो करने और रिजुविनेट करने में मदद करती है.

आयल और मसाज को न करे अनदेखा  

नारियल और आलमंड आयल ड्राई स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. ये स्किन की क्रेक्स को भरकर देती है और त्वचा की फाइन लाइन्स और झुर्रियों को बनने से रोकती है. नियमित चेहरे की जेंटल मसाज से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे स्किन रिजुविनेट होती है. इस प्रकार आयल और मसाज से फायदे तो अनेक होते है, लेकिन एक्ने संभावित स्किन वालों के लिए आयल और मसाज को अवॉयड करना चाहिए.

Face Scrub: कुछ बातों का रखें ध्यान

हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन हमेशा चमकती हुई रहे, उसके चेहरे पर गंदगी नजर न आए. और साथ ही उसकी स्किन हमेशा सोफ्ट व मुलायम बनी रहे. और इन सब में फेस स्क्रब का अहम रोल होता है. क्योंकि फेस स्क्रब त्वचा से सारी अशुद्धियो को हटाकर, डेड स्किन को रिमूव करके स्किन को ग्लोइंग बनाने के साथ उसे स्मूथ बनाने का काम जो करता है. और अगर इस संबंध में ये कहें कि ब्यूटी बिज़नेस में फेस स्क्रब का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है, तो गलत नहीं होगा. लेकिन ये भी सच है कि लंबे समय से इसका इस्तेमाल करने के बाद भी हम चेहरे पर स्क्रब को अप्लाई करने के समय कुछ गलतियां कर ही बैठते हैं , जिसके कारण कभी हमारी स्किन रेड पड़ जाती है, तो कभी पील हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि जब भी आप फेस स्क्रब करें तो कुछ टिप्स व ट्रिक्स को ध्यान में रखें , ताकि आपको फेस स्क्रब से फायदा भी मिल जाए व आपकी स्किन को कोई नुकसान भी न पहुंचे.

क्यों करते हैं फेस स्क्रब

फेस स्क्रब स्किन को एक्सफोलिएट करने का काम करता है. जिससे स्किन से डेड स्किन रिमूव होकर पोर्स के क्लोग होने की समस्या नहीं होती है. बता दें कि धूलमिट्टी व गंदगी के कारण पोर्स बंद हो जाते हैं , जिससे एक्ने , स्किन पर जरूरत से ज्यादा सीबम का उत्पादन होने लगता है. जिससे स्किन ऑयली होने के कारण उस पर एक्ने की समस्या हो जाती है. ऐसे में फेस स्क्रब स्किन को अंदर से डीप क्लीन करके स्किन को क्लीन व ग्लोइंग बनाने का काम करता है.

जानते हैं इस संबंध डर्मेटोलॉजिस्ट पूजा नागदेव से.

टिप्स एंड ट्रिक्स फोर फेस स्क्रब

– फर्स्ट वाश योर फेस

जब भी आप फेस स्क्रब का इस्तेमाल करें तो उससे पहले अपनी स्किन को जरूर क्लीन करें, ताकि स्किन पर जमी गंदगी निकल सके. और साथ ही जो भी कोस्मेटिक्स आपने स्किन पर लगाया हुआ है वो रिमूव हो जाए , तभी उस पर फेस स्क्रब करने का अच्छा रिजल्ट मिल पाता है. इस बात का भी ध्यान रखना है कि आपका फेस हलका हलका गीला भी रहना चाहिए, ताकि उस पर स्क्रब करने में आसानी हो.

– आराम से मसाज करें

जरूरी नहीं कि बेहतर रिजल्ट के लिए चेहरे पर तेज तेज मसाज करने से ही अच्छा रिजल्ट मिलता है. बल्कि हार्ड हाथों से मसाज करने से स्किन के पील होने के साथ उसके रेड होने का भी डर बना रहता है. ऐसे में जब भी आप चेहरे पर स्क्रब करें तो हलके हाथों से 30 सेकंड तक सर्कुलर डायरेक्शन में ही स्क्रब करें. उसके बाद चेहरे को हलके गरम पानी से क्लीन करें. क्योंकि ये आपकी स्किन के नेचुरल आयल को बैलेंस में रखने का काम जो करता है. लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि अगर आपकी स्किन पर किसी भी तरह की कोई एलर्जी है तो आप फेस स्क्रब करने से बचें.

– सही एक्सफोलिएशन के तरीके को अपनाना

अगर आपकी स्किन ड्राई, सेंसिटिव व एक्ने प्रोन स्किन है तो आपके लिए मैकेनिकल एक्सफोलिएशन का तरीका बिलकुल भी ठीक नहीं है. क्योंकि ये आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. ऐसे में आपके लिए सोफ्ट एक्सफोलिएशन या फिर माइल्ड तरीका ही बेहतर रहेगा. स्ट्रोंगर केमिकल ट्रीटमेंट या फिर मैकेनिकल एक्सफोलिएशन ग्रीसी व मोटी स्किन वालों के लिए ठीक रहता है. और अगर आपकी स्किन डार्क है या फिर आपको अपने चेहरे पर डार्क एरिया ज्यादा नजर आते हैं तो आपको हार्श केमिकल्स व मैकेनिकल एक्सफोलिएशन से दूर ही रहना चाहिए. क्योंकि आज भी एक्सफोलिएशन की कुछ ऐसी टेक्निक्स हैं , जिसके कारण स्किन पर डार्क स्पॉटस हो सकते हैं. इसलिए जरूरी है एक्सफोलिएशन के सही तरीके को अपनाने की.

– इंग्रीडिएंट्स जरूर देखें

स्क्रब फार्मूलेशन में इस्तेमाल किए जाने वाले कई प्राकृतिक घटक त्वचा के लिए नुकसानदायक होते हैं. जैसे नमक, बादाम, फ्रूट पिट्स इत्यादि. भले ही ये नेचुरल हैं , लेकिन ये कई बार स्किन पर काफी हार्ड इफेक्ट डालने का काम करते हैं . जबकि दूसरी तरफ जोजोबा बीड्स, ओट्स, सिलिका व राइस ब्रैन बहुत ही कोमल व असरदार होते हैं , लेकिन इन सबके बावजूद भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है. जैसे अगर स्क्रब के कण बहुत छोटे हैं और वो उपयोग के दौरान घुल जाते हैं तो इसे ज्यादा व बारबार करने से बचें. ये भी देखना बहुत जरूरी है कि उसमें स्किन को मॉइस्चराइज करने के साथ शांत करने वाले तत्व भी हो. इसलिए हमेशा इंग्रीडिएंट्स चेक करके ही फेस स्क्रब का इस्तेमाल करें.

काम के टिप्स

– अगर आप स्किन को साफ करने के लिए रोजरोज स्क्रब कर रही हैं तो सावधान हो जाएं , क्योंकि इससे आपकी स्किन खराब हो सकती हैं. इसलिए हफ्ते में 1 – 2 बार ही स्क्रब करना चाहिए.

– कभी भी गंदे फेस पर स्क्रब न करें, बल्कि उससे पहले चेहरे को वाश जरूर करें. क्योंकि इससे पोर्स के ब्लॉक होने का डर रहता है.

– स्क्रबिंग हमेशा हलके हाथों से करनी चाहिए, वरना स्किन के रेड होने का डर रहता है.

– स्क्रब में हमेशा थोड़ा पानी मिलाकर ही उसका इस्तेमाल करना चाहिए.

– अपनी स्किन के हिसाब से ही स्क्रब का इस्तेमाल करें.

बेदाग त्वचा पाना मुश्किल नहीं

महिला कामकाजी हो या गृहिणी अकसर खुद पर ध्यान नहीं दे पाती हैं. इस बारे में क्यूटीस स्किन स्टूडियो की कौस्मैटोलौजिस्ट और डर्मैटोलौजिस्ट डा. अप्रतिम गोयल कहती हैं कि हर महिला सब से सुंदर और आकर्षक दिखने की कोशिश करती है. यों खूबसूरत दिखना हर महिला की चाहती होती है मगर अपनी त्वचा में निखार लाने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता, तो कुछ ब्यूटी टिप्स आप के लिए बेहद उपायोगी साबित हो सकती हैं:

मौइस्चराइज
त्वचा को मौइस्चराइज करना सब से जरूरी और आसान कदम है, त्वचा को हाइड्रेटेड और ग्लोइंग दिखाने के लिए दिन में 2 बार मौइस्चराइज करें.

ऐक्सफौलिएट
माइल्ड स्क्रब से सप्ताह में 2 बार स्किन को ऐक्सफौलिएट करें. इस से त्वचा की बाहरी परत से मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है. यह त्वचा से गंदगी की परत को हटा कर स्किन को चमकदार बनाता है और स्किन केयर प्रोडक्ट्स को त्वचा में गहराई से प्रवेश करने देता है.

क्लींजिंग
त्वचा के अनुसार सही क्लींजर का प्रयोग कर स्किन को क्लीयर करें. क्लींजिंग से पहले मेकअप को माईसैलर वाटर से साफ अवश्य
कर लें.

हैल्दी खाएं

– इस में शुगर और साल्ट को कट करें, हालांकि त्योहारों में यह करना मुश्किल है, लेकिन ऐसा कर पाने से रैडिएंट स्किन के साथसाथ पूरा दिन ऐनर्जेटिक रह सकेंगी.
-रिच ऐंटीऔक्सीडैंट्स फल जैसे साइट्रस फ्रूट्स, बेरीज, ऐवाकाडोस आदि लें.
– त्वचा को चमकदार बनाने के लिए विटामिन सी 1000 मिलीग्राम रोज लें. ग्लूटेथिओन टैबलेट्स के साथ लेने पर अच्छा परिणाम मिलता है.
-प्लंपी और हाइड्रेटेड त्वचा के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं. इस के अलावा ह्यायूरोनिक ऐसिड सीरम के प्रयोग से भी त्वचा हाइड्रेटेड और स्मूथ रहती है क्योंकि ह्यायूरोनिक ऐसिड एक शुगर मौलेक्यूल है, जो त्वचा में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है और यह त्वचा में फंसने पर पानी को कोलोजन से बांधने में मदद करता है, जिस से त्वचा खिली और अधिक हाइड्रेट दिखाई दे सकती है. ह्यायूरोनिक ऐसिड त्वचा के हाइड्रेशन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण है. फेस औयल भी ड्राई स्किन के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
-पैक्स या शीट मास्क भी सप्ताह में एक बार अवश्य लगा लें ताकि आप रिलैक्स हो कर थकान वाले चेहरे को अवौइड कर सकें.
– त्योहारों से पहले भरपूर नीद लें और रिलैक्स रहें ताकि आप की मुसकराती और खिली त्वचा से कोई नजर न हटा सके और आप का चेहरी त्योहार वाले दिन सब के अट्रैक्शन का केंद्र बने.

कुछ अफोर्डेबल होम केयर टिप्स:

रोजवाटर:  प्लेन रोजवाटर से चेहरे को सोने से पहले 10 से 15 मिनट तक पोंछ लें. इस से त्वचा की थकान मिट जाती है, जिस से त्वचा खोई हुई नमी को पा लेती है. रोजवाटर का स्प्रे कई बार चेहरे पर करने से भी थकान मिटती है.

ऐलोवेरा: ऐलोवेरा का पल्प सप्ताह में 1 या 2 दिन लगाने पर स्किन की नमी बनी रहती है.

कच्चा आलू: कच्चे आलू को कद्दूकस कर उसे चेहरे पर सप्ताह में 1 या 2 बार लगा कर 10 से 15 मिनट तक मालिश करें. इस के बाद चेहरे को धो लें. इस से त्वचा की अनइवन स्किन टोन में भी सुधार होता है.

हलदी: हलदी के साथ शहद मिला कर अधिक मुंहासे वाले चेहरे पर लगाने से हलदी
की ऐंटीसैप्टिक गुण की वजह से एक्ने को कम करने के अलावा स्किन को कम इरिटेशन करती है. एक चुटकी हलदी के साथ बेसन या चावल का आटा मिला कर पेस्ट बना लें और 15 दिन में एक बार चेहरे पर लगाएं. यह स्किन की औयलीनैस को कम कर मुंहासों को चेहरे पर आने से रोकती है.

इन 5 होममेड टिप्स से पाएं डार्क सर्कल से तुरंत छुटकारा

आंखो के नीचे काले घेरे की समस्या लगभग सभी के साथ होती है. जो बौडी में कई सारे न्यूट्रिशंस की कमी से होने वाली कमजोरी और तनाव की समस्या का संकेत देते हैं. लेकिन कई बार ये डार्क सर्किल उम्र बढ़ने, ड्राई स्किन, रात भर काम करने और सही तरीके से न सोने के कारण भी हो सकते हैं. आंखों के काले घेरे दूर करने के कुछ घरेलू उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है.

1. बादाम का तेल

बादाम का तेल कई प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है, जो आंखों के आसपास की त्वचा को फायदा पहुंचाता है. बादाम के तेल के नियमित उपयोग से त्वचा का रंग हल्का पड़ जाता है, इसीलिए इसे आंखों के आसपास लगाने से डार्क सर्कल दूर हो जाते है. रात में इसे आंखों के नीचे थोड़ा सा लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें. मसाज करने के बाद ऐसे ही छोड़ दें. सुबह उठने के बाद मुंह धो लें.

सोने जाने से पहले आंखों के नीचे काले घेरों के ऊपर अलमन्ड औयल लगाकर हल्का-सा मसाज करें. रात भर लगा रहने दें. सुबह उठने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

2. खीरा

खीरा त्वचा की रंगत सुधारने में बहुत ही कारगर होता है. इसके साथ ही खीरा लगाने से त्वचा ज्यादा फ्रेश और ग्लोइंग नजर आती है. खीरे के पतले-पतले स्लाइस काटकर उसे रेफ्रिजरेटर में 30 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें. फिर इसे डार्क सर्किल पर लगाकर कम से कम 10 मिनट तक रखें. सूखने के बाद इसे पानी से धो लें. दिन में तीन से चार बार इसका इस्तेमाल तकरीबन एक हफ्ते तक करें और फर्क देखें.

इसके अलावा एक दूसरा तरीका है खीरे और नींबू की मात्रा को एकसाथ मिक्स करके उसे कौटन की सहायता से काले घेरों पर लगाएं और कम से कम 15 मिनट तक रखने के बाद पानी से धो लें.

3. पानी

अगर आंखों के नीचे डार्क सर्कल हैं तो खूब पानी पिएं. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन किसी भी दवाई से बेहतर होता है. यह एक साधारण घरेलू उपाय है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को दूर कर देता है. पानी पीने से स्कीन हाईड्रेट रहती है और डार्क सर्कल नहीं हो पाते हैं.

4. नींद

काफी लम्बे समय तक सही तरीके से नींद पूरी न होने पाने की वजह से भी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं. अगर आपकी नींद पिछले कई दिनों से पूरी नहीं हुई है तो सबसे पहले सोएं. जब आप पूरा आराम लेंगे और आंखों को आराम देंगे तो काले घेरे अपने आप सही हो जाएंगे. आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे, व्यक्ति की कम नींद के बारे में बताते हैं.

5. टी बैग्स

टी बैग्स का उपयोग करके भी आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल को दूर किया जा सकता है. सुबह की चाय के बाद यूज किए हुए टी बैग्स को अपने फ्रीज में रख दें. जब आपको समय मिलें तो उन्हें फ्रिज से बाहर निकाल लें और रूम के तापमान पर होने के लिए रख दें. बाद में इन्हें अपनी आंखों पर लगा लें. इससे आपको आराम मिलेगा और काले घेरे कम होंगे.

6. टमाटर

टमाटर में कई ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा के डार्क कलर को हल्का कर देते हैं और त्वचा को ग्लो प्रदान करते हैं. एक चम्मच टामटर का पेस्ट और नींबू की रस की कुछ बूंदे मिला लें और मिश्रण तैयार कर लें. इस मिश्रण को अपनी आंखों के नीचे के काले घेरे पर लगाएं. इसे दस मिनट तक यूं ही लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से धो लें.

खूबसूरत त्वचा के लिए अपनाएं ये उपाय

अच्छा आपने कभी ये सोचा है कि जिस जमाने में कॉस्मेटिक सर्जरी, वाइटनिंग ट्रीटमेंट जैसी चीजें नहीं थीं, उस जमाने में भी लोगों की स्क‍िन इतनी खूबसूरत कैसे होती थी?

पुराने समय में जब ये सारी चीजें नहीं थी तो लोग नेचुरल उपायों पर ही निर्भर थे. किचन में मौजूद चीजों से, जड़ी-बूटियों से वो अपनी त्वचा की देखभाल करते थे. नेचुरल तरीके अपनाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे किसी तरह के साइड-इफेक्ट का खतरा नहीं होता. जबकि आज के समय में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर चीजें केमिकल बेस्ड होती हैं और उनसे त्वचा को नुकसान होने का खतरा बना रहता है.

यूं तो उपाय कई हैं लेकिन गुलाब जल और बादाम के तेल का ये उपाय आपकी सारी प्रॉब्लम्स को दूर कर देगा. इसके लिए दो चम्मच बादाम का तेल और दो चम्मच गुलाब जल अच्छी तरह मिला लें. इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट सूखने दें. इसके बाद चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से साफ कर लें.

क्या हैं फायदे?

1. गुलाब जल और बादाम का ये उपाय बढ़ती उम्र के सामान्य लक्षणों को कम करता है.

2. इस मिश्रण में मौजूद दोनों ही चीजों में हाइड्रेटिंग एजेंट्स पाए जाते हैं. जिससे त्वचा कोमल और मुलायम बनती है.

3. आंखों के नीचे के काले घेरों को दूर करने में भी ये मिश्रण बहुत फायदेमंद है.

4. अगर आपको कील-मुंहासों की समस्या है तो भी ये उपाय आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

5. अगर आपके चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ गए हैं या फिर आपको रैशेज की प्रॉब्लम है तो भी ये उपाय कारगर है.

6. मेकअप उतारने के लिए पानी का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि आप इस मिश्रण का इस्तेमाल करें.

बढ़ती उम्र में ऐसे दिखें जवान

आप अपनी उम्र को बढ़ने से तो नहीं रोक सकते मगर बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम जरूर कर सकते हैं. अगर आप युवा और सक्रिय बने रहना चाहते हैं तो इन बातों का खयाल रखें:

खानपान

हम क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं इस का हमारे स्वास्थ्य, व्यक्तित्व और सक्रियता से सीधा संबंध है. ऐसे में हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

क्या खाएं

द्य ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर खाद्यपदार्थ जैसे सूखे मेवे, साबूत अनाज, चिकन, अंडे, सब्जियां और फल खाएं. ऐंटीऔक्सीडैंट्स फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं और बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करते हैं. ये इम्यून सिस्टम यानी रोग से लड़ने की क्षमता को मजबूत बना कर संक्रमण से बचाते हैं.

द्य उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कम होने लगती है. इस के लिए दिन में कम से कम एक कप ग्रीन टी पीएं तो याददाश्त कम नहीं होगी.

द्य ओमेगा-3 फैटी ऐसिड्स और मोनो सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्यपदार्थों जैसे मछली, सूखे मेवे, जैतून का तेल आदि का सेवन करें. ओमेगा-3 आप को जवां और खूबसूरत बनाता व रखता है.

द्य विटामिन सी शरीर के लिए प्राकृतिक बोटोक्स के समान कार्य करता है. इस से त्वचा की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और उस पर ?ार्रियां नहीं पड़तीं. इस के लिए संतरा, मौसमी व पत्तागोभी आदि का सेवन करें.

द्य कुछ मीठा खाने का मन करे तो गहरे रंग की चौकलेट खाएं यह फ्लैवेनौल से भरपूर होती है जो रक्त नलिकाओं की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखने में सहायता करती है.

द्य दोपहर के खाने के साथ एक कटोरी दही जरूर खाएं. यह कैल्सियम का अच्छा स्रोत है जो औस्टियोपोरोसिस से बचाता है.

द्य युवा व सक्रिय रहना चाहती हैं तो ओवरईटिंग से बचें. जितनी भूख है उस का 80% ही खाएं.

क्या न खाएं

द्य ऐसे खाद्यपदार्थ जिन में रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, न खाएं. इन से कमरका घेरा बढ़ता है. अत्यधिक मीठे फल, जूस, चीनी, गेहूं आदि का सेवन कम करें.

द्य सोयाबीन, कौर्न, कनोला औयल के सेवन से बचें क्योंकि इन में पौली सैचुरेटेड वसा अधिक मात्रा में होती है. इन के स्थान पर ब्राउन राइस और जैतून के तेल का सेवन करें.

द्य लाल मांस, पनीर, वसायुक्त दूध और क्रीम में अत्यधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है. इन से धमनियां ब्लौक हो सकती हैं और हृदयरोग हो सकता है.

द्य मैदे से बनी सफेद ब्रैड, पास्ता, पिज्जा आदि का कम सेवन करें.

कैलोरी इनटेक पर रखें नजर मोटापे और केलौरी इनटेक में सीधा संबंध है. मोटापा बढ़ने से न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होगा वरन शारीरिक सक्रियता भी घटेगी और उम्र भी अधिक दिखने लगेगी.

जीवनशैली में बदलाव अपनी रोजमर्रा की आदतों में छोटेछोटे बदलाव ला कर हम लंबे समय तक युवा और सक्रिय रह सकते हैं:

द्य अपने दिमाग को हमेशा व्यस्त रखें. कुछ नया

सीखती रहें ताकि दिमाग सक्रिय रहे और आप मानसिकरूप से युवा बनी रहें.

द्य कुछ हारमोन उम्र बढ़ाने और स्वस्थ बनाए रखने में योगदान देते हैं. ग्रोथ हारमोन, टेस्टोस्टेरौन, ऐस्ट्रोजेन, थायराइड, कार्टिसोल और डीएचई ऐजिंग की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अपने हारमोन स्तर पर नियंत्रण रखें ताकि आप ऐजिंग से जुड़े लक्षणों से दूर रह सकें.

द्य कम से कम 6-7 घंटे की नींद लें. जब आप नींद ले रहे होती हैं तो त्वचा की कोशिकाएं अपनी मरम्मत करती हैं जिस से त्वचा की ?ार्रियां और फाइनलाइंस दूर हो जाती हैं.

द्य आप चीजों को किस नजरिए से देखती हैं, यह एक महत्त्वपूर्ण कारक है जो आप को जवां व खूबसूरत बनाए रखने में मदद करता है. हर चीज के सकारात्मक पहलू को देखें. अपनेआप को खुश और मोटिवेटेड रखें.

त्वचा को जवां और सुरक्षित रखें धूप में बाहर जाने से त्वचा का रंग काला पड़ जाता है. इन काले हिस्सों पर ?ार्रियां भी जल्दी पड़ जाती हैं. इसलिए बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें.

त्वचा को स्वस्थ व हाइड्रैटेड बनाए रखने के लिए त्वचा के अनुरूप नौनटौक्सिक मौइस्चराइजर्स चुनें. सोने से पहले इसे खासतौर पर जरूर लगाएं.

फेशियल ऐक्सरसाइज चेहरे की पेशियों का व्यायाम चेहरे को ?ार्रियों से बचाता है. माथे को ?ार्रियों से बचाने के लिए अपने दोनों हाथों को माथे पर रखें और उंगलियों को हेयरलाइन व भौंहों के बीच फैला लें. धीरेधीरे उंगलियों को हलके दबाव के साथ बाहर की ओर खिसकाएं.

कुछ अच्छी फेशियल ऐक्सरसाइज हैं

चीक लिफ्ट: अपने होंठों को हलके से बंद करें और गालों को आंखों की ओर खींचने की कोशिश करें. चौड़ी मुसकान के साथ अपने होंठों के बाहरी कोनों को उठाएं. 10 सैकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें. हंसना गालों के लिए अच्छी ऐक्सरसाइज है.

फिश फेस: यह गालों और जबड़ों के लिए अच्छी ऐक्सरसाइज है. इस से आप के होंठ सही शेप में आ जाते हैं. हलके से होंठ बंद करें. गालों को जहां तक हो सके भीतर की ओर खींचें. इसी मुद्रा में मुसकराने की कोशिश करें और 15 सैकंड तक इसी मुद्रा में रहें. इसे 5 बार दोहराएं.

पपेट फेस: यह ऐक्सरसाइज पूरे चेहरे पर काम करती है. यह गालों की पेशियों को मजबूत बनाती है. वे ढीली नहीं पड़तीं. अपनी उंगलियों के पोरों को गालों पर रखें और मुसकराएं. गालों को ऊपर की ओर खींचें और मुसकान की मुद्रा में 30 सैकंड तक रहें.

थ्रैडिंग करवाने से पहले इन बातों पर गौर जरूर करें

किसी चेहरे पर मोटी आईब्रोज फबती हैं, तो किसी पर करीने से खींची गई 2 लकीरें. ध्यान रहे कि अगर आईब्रोज चेहरे के अनुरूप नहीं हैं तो वे आप को लोगों के बीच हंसी का पात्र भी बना सकती हैं. इन्हें सही शेप देने के लिए प्लकर या थ्रैड का प्रयोग अहम है. आईब्रोज की शेप बहुत हद तक चेहरे की बनावट पर निर्भर करती है. अत: अगली बार जब भी ब्यूटीपार्लर में थ्रैडिंग के लिए जाएं तो कुछ बातों का खास खयाल रखें:

लंबा चेहरा:

लंबे चेहरे वाली महिलाओं को आईब्रोज की लंबाई कम नहीं करवानी चाहिए. साथ ही उन का उभार आईबोन के करीब ही रखवाना चाहिए. ऐसा करने से चेहरे की लंबाई कम दिखती है. ऐसे चेहरे पर सीधी, बादाम के आकार की और अंडाकार शेप अच्छी लगती है.

गोल चेहरा:

गोल चेहरे पर आईब्रोज का उभार आईबोन से थोड़ा ऊपर होना चाहिए. ऐसा करने से चेहरा भराभरा नहीं लगता है. चेहरे की ऐसी बनावट पर धनुषाकार आईब्रोज अधिक फबती हैं.

अंडाकार चेहरा:

चेहरे की यह बनावट हर लिहाज से बैस्ट मानी जाती है यानी ऐसे चेहरे पर हर तरह की आईब्रोज शेप, हेयर कट और मेकअप जंचता है. जहां तक बात आईब्रोज शेप की है, तो इस बनावट पर अंडाकार शेप आईब्रोज चेहरे को आकर्षक बनाती हैं.

चौकोर चेहरा:

चेहरे की ऐसी बनावट वाली महिलाओं को आईब्रोज की राउंड या धनुषाकार शेप करवानी चाहिए. ये शेप उन्हें सौफ्ट लुक देती है.

छोटा चेहरा:

ऐसे चेहरे की बनावट वाली महिलाओं को दोनों आईब्रोज के बीच में सामान्य से ज्यादा दूरी करवानी चाहिए. इस के अलावा अगर नाक लंबी है, तो आईब्रोज को आईबोन से अधिक ऊपर नहीं बनवाना चाहिए अन्यथा बड़ी आंखें भी छोटी दिखती हैं. यदि आंखें बड़ी हैं, तो आईब्रोज पतली बनवाएं और अगर आंखें छोटी हैं, तो आईब्रोज मोटी व लंबी बनवाएं.

संवारिए स्वयं भी

यदि नियमित थ्रैडिंग करवाना संभव नहीं है, तो ऐसे में आप इन्हें स्वयं सप्ताह में 1 बार प्लकर से शेप दे सकती हैं, लेकिन इस के लिए ब्यूटी पार्लर से आईब्रोज को शेप दिलवाना बहुत जरूरी है अन्यथा एक आईब्रो मोटी हो जाएगी, तो दूसरी पतली.

प्लकिंग के लिए जरूरी है-

  1. आईब्रोज को शेप हमेशा दिन की रोशनी में ही दें.
  2. जहां से बाल उगते हैं केवल वहीं से ऐक्स्ट्रा बालों को निकालें.
  3. दोनों आईब्रोज के बीच उचित अंतर रखें.
  4. प्लकिंग हमेशा शांत मन से करें.
  5. प्लकिंग से पहले दोनों आईब्रोज पर पाउडर लगाएं. ऐसा करने से छोटेछोटे ऐक्स्ट्रा बाल भी नजर आ जाते हैं और दर्द भी नहीं होता है.
  6. शेप देने से पहले और अंत में आईब्रोज को बारीक दांत वाली कंघी से अवश्य एकसार करें.

दक्षता के अलावा अहम यह भी

  1. आईब्रोज को नियमित शेप देना जरूरी है, लेकिन इस के लिए हाथों का दक्ष होना भी बेहद जरूरी है. आप भी इस में दक्ष हो सकती हैं इन बेसिक बातों को जान कर:
  2. आईब्रोज की ट्रिमिंग के लिए कभी भी हेयर रिमूवर या रेजर का प्रयोग न करें.
  3. अगर आईब्रोज पतली हों, तो आईब्रो पैंसिल का इस्तेमाल करें, लेकिन चेहरे की रंगत के अनुरूप ही.
  4. प्लकिंग हमेशा थ्रैडिंग करवाने के 1 सप्ताह बाद ही शुरू कर देनी चाहिए.
  5. आईपैंसिल से दोनों आईब्रोज पर रेखा खींच लें. इस के बाद शीशे में देखें कि रेखा के ऊपर व नीचे कितने अनावश्यक बाल उगे हैं. उस के बाद उन्हें प्लक कर दें.
  6. प्लकिंग करने से पहले चेहरे पर किसी प्रकार की कोल्ड क्रीम या मौइश्चराइजर न लगाएं अन्यथा अनावश्यक बाल दिखेंगे नहीं.
  7. कोमल ब्रश से आईब्रोज को कंघी करने के बाद ही फालतू बाल प्लक करें.

मेरे लिप्स के किनारों में छोटेछोटे दाने होने लगे हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 21 वर्ष की हूं. मेरे होंठों के किनारों में छोटेछोटे दाने होने लगे हैं. ये दिखने में बहुत अजीब और भद्दे लगते हैं. कृपया समाधान बताएं?

जवाब-

होंठों के आसपास दाने निकलने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे गरमी, मेकअप को सही ढंग से क्लीन नहीं करना वगैरह. कैमिकलयुक्त लिपस्टिक के कारण भी इन्फैक्शन हो सकता है.

इस को ठीक करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों का लाभ उठा सकती हैं. मसलन:

बर्फ से सिकाई: बर्फ सूजन कम करने में मदद करता है. साथ ही यह त्वचा से गंदगी निकालने में भी सहायक है. अगर आप के चेहरे पर दाने या पिंपल्स हो गए हैं तो भी आप बर्फ का इस्तेमाल कर सकती हैं. बर्फ से सिकाई करने के लिए बर्फ को किसी कपड़े में लपेट लें फिर इसे प्रभावित जगहों पर लगाएं.

हल्दी: हलदी को त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. हलदी में ऐंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो चेहरे से मुंहासों को दूर करने का काम करता है. हलदी का इस्तेमाल करने के लिए आप को हलदी का पेस्ट बनाना होगा. इस के लिए आप 1 छोटा चम्मच हलदी लें और इस में थोड़ा गुलाबजल मिक्स कर के पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को होंठों के चारों तरफ लगा कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें.

शहद: शहद में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो मुंहासे पैदा करने वाले जीवाणुओं को मारने का काम करते हैं. शहद सूजन को कम करने का काम भी करता है. यदि आप को चाले की समस्या है तो भी आप शहद का इस्तेमाल कर सकती हैं. इन्फैक्शन से छुटकारा पाने के लिए शहद को होंठों के आसपास अच्छे से लगाएं. इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं.

Wedding Special: डस्की ब्यूटी का है जमाना

अक्सर हम सांवली रंगत को खूबसूरत नहीं मानते. लड़कियां और महिलाएं गोरी रंगत पाने के लिए बाजार से वे तमाम ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदती फिरती हैं जो रंग निखारने के ?ाठे दावे करते हैं. मगर वे यह भूल जाती हैं कि सांवली रंगत में एक अलग ही आकर्षण और सुंदरता होती है. बस जरूरत होती है थोड़ा प्रयास करने की. कुछ मेकअप टिप्स अपना कर और अपनी स्किन का खयाल रख कर वे अपनी सांवली रंगत के साथ भी बेहद खूबसूरत दिख सकती हैं.

आइए, जानते हैं ऐक्सपर्ट्स से सही मेकअप करने के कुछ टिप्स: इस संदर्भ में प्रोफैशनल मेकअप ट्रेनर ऐंड आर्टिस्ट शिवानी गौड़ डस्की मेकअप के विभिन्न स्टैप्स और उस दौरान ध्यान देने वाली बातों के बारे में बता रही हैं:

क्लीनिंग: अपने मेकअप की शुरुआत एक माइल्ड क्लींजर से करें. माइल्ड यानी ऐसा क्लींजर जो आप की स्किन को नुकसान न पहुंचाए. वैसे तो डस्की कौंप्लैक्शन देखने मेंबहुत अच्छा लगता है, लेकिन अगर आप का मेकअप सही तरीके से न किया जाए या स्किन का खयाल नहीं रखा जाए तो स्किन फीकी, रूखी या पैची दिख सकती है. इसलिए स्किनको अच्छी तरह साफ कर मेकअप की शुरुआत करें.

मौइस्चराइजिंग: सुनिश्चित करें कि आप अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार सही मौइस्चराइजर चुन रही हैं. मौइस्चराइजर जैल वाले भी होते हैं और क्रीमी भी. आप त्वचा के हिसाब से हाइड्रेटिंग मौइस्चराइजर चुनें. मौइस्चराइजर मेकअप को आप की त्वचा के साथ पूरी तरह से ब्लैंड करने में मदद करता है. फिर अगले चरण से पहले अपनी त्वचा को प्राइम करें. प्राइमिंग आप के मेकअप को लंबे समय तक टिके रहने में मदद करता है. अगर आप प्राइमर लगा रही हैं तो मेकअप पूरी तरह से फिट बैठता है.

कंसीलिंग: अगर आप की स्किन पर डार्क स्पौट्स, डार्क सर्कल्स या पिगमैंटेशन हैं तो उन्हें कंसीलर की मदद से छिपाएं और चेहरे को बेदाग बनाएं. सही जगह के लिए सही कंसीलर का चुनाव करने से आप के धब्बे गायब हो जाते हैं और आप को और भी इवन फिनिश मिल सकता है.

फाउंडेशन: फाउंडेशन मेकअप का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. सुनिश्चित करें कि आप अपने स्किन टोन के हिसाब से सही कलर के फाउंडेशन का चुनाव कर रही हैं. यही वह जगह है जहां ज्यादातर महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सही फाउंडेशन चुनना आप के अच्छे मेकअप के लिए महत्त्वपूर्ण है. इसलिए सुनिश्चित करें कि आप को वह फाउंडेशन मिल जाए जो आप की त्वचा की रंगत से मेल खाता हो. यदि आप के पास ऐसा फाउंडेशन नहीं है तो फिर ऐसा फाउंडेशन इस्तेमाल करें जिस का शेड आप के स्किन टोन के सब से करीब हो. अगर आप अपनी त्वचा की रंगत से हलका रंग चुनती हैं तो यह आप की स्किन को फीका और धब्बेदार बना सकता है. एक बार बेस पूरा हो जाने के बाद फिर इसे ट्रांसलूसेंट पाउडर से फिक्स करना होता है.

आई मेकअप: इस के बाद आंखों का मेकअप किया जा सकता है. गहरे रंग वाली महिलाओं की अकसर आंखें बहुत गहरी और पलकें काली होती हैं. आप इसे अपने मेकअप के हाईलाइट के रूप में उपयोग कर सकती हैं. अपने ब्लशर के लिए रोज, डीप औरेंज और कोरल जैसे शेड्स चुनें. आप स्मोकी आईलाइनर और ज्यादा मात्रा में मसकारा लगाएं जिस से आंखें ज्यादा उभरी हुई और शार्प लगेंगी.

लिप कलर: मैट और ग्लौसी लिप कलर सांवली रंगत पर अच्छे लगते हैं. वैसे तो डस्की स्किन के लिए न्यूड लुक बैटर होता है, मगर यदि आप डार्क कलर्स यूज करना चाहती हों तो वाइन, बेरी या बरगंडी टोंस ट्राई कर सकती हैं. ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा ने डस्की स्किन के कुछ खास मेकअप टिप्स दिए: सब से महत्त्वपूर्ण बात है कि मेकअप आप की स्किन के कौंप्लैक्शन के हिसाब से किया जाए. सांवली स्किन के मामले में अंडरस्किन टोन पिंक भी हो सकता है और यलो भी. यानी सांवली स्किन थोड़ी पिंकिश रंगत लिए भी हो सकती है या यलोइश भी. सांवली स्किन के अनुसार मेकअप करते वक्त सही मेकअप फाउंडेशन का चयन करना जरूरी है. आप की स्किन गुलाबीपन में है या पीलेपन पर है, उस के अनुसार अगर आप फाउंडेशन यूज करेंगी तो मेकअप बहुत ही नैचुरल लगेगा.

ज्यादातर महिलाएं चाहती हैं कि थोड़ी गोरी लगें. इस के लिए सांवली रंगत के अनुसार यलो या औरेंज कलर से पूरी स्किन के ऊपर एक बेस बना दिया जाता है. अगर स्किन ज्यादा डार्क है तो औरेंज से और कम डार्क है तो यलो कलर से पूरे में बेस बना देते हैं. बेस बनाने के लिए हम कलर करैक्टर यूज करते हैं. इस के बाद इस के ऊपर थोड़े लाइट कलर का फाउंडेशन भी यूज कर सकती हैं. इस से आप गोरी भी दिखती हैं और ओवर मेकअप भी नहीं दिखेगा. आप की स्किन नैचुरली गोरी दिखेगी.

स्किन का जितना भी हिस्सा दूसरों को दिखाई देता है यानी चेहरे के आसपास शरीर के जो हिस्से खुले रहते हैं, उन हिस्सों पर भी मेकअप करना जरूरी है. जैसे गरदन, फेस, कानों के आगे और कानों के पीछे, बाजू आदि पर भी आप को वैसा ही मेकअप करना होगा.

सांवली लड़की को मेकअप करते समय अपने लिए डार्क कलर की लिपस्टिक और आईशैडो लगाना चाहिए. महिलाएं सोचती हैं कि सांवली लड़की को लाइट कलर की चीजें यूज करनी चाहिए, मगर वास्तव में इस का उलटा है. सांवली को डार्क कलर का आईशैडो या लिपस्टिक वगैरह यूज करनी चाहिए. उदाहरण के लिए अगर आईशैडो की बात करें तो पिंक आईशैडो न लगाएं. आप के ऊपर ग्रीन, ब्लू, ब्राउन सुंदर लगेगा. औरेंज भी चल सकता है, मगर लाइट पिंक भूल कर भी न लगाएं. इसी तरह जब ब्लशर लगाना हो तो डार्क पीच या ब्राउन कलर का चयन करें. पिंक ब्लशर न लगाएं. लिपस्टिक की बात करें तो यह भी डार्क कलर शेड की लगाएं. पर्पल, ब्राउन, मैरून या बेरीज वाले शेड लगाएं. डस्की स्किन पर पिंक कलर की लिपस्टिक भी अच्छी नहीं लगती.

आई मेकअप: आई मेकअप कलर से ज्यादा आईज की शेप पर निर्भर करता है.

आईलाइनर: डस्की स्किन वाली लड़कियों पर डार्क ग्रीन या डार्क ब्लू कलर का आईलाइनर बहुत जंचता है. यह देखें कि आंखें कैसी हैं. आंखें बहुत बड़ी हैं तो स्मोकी मेकअप भी कर सकती हैं. स्मोकी ग्रीन, स्मोकी ब्लू मेकअप भी अच्छा लगता है.

इसी तरह आईलिड्स पर थोड़ा लाइटर शेड लगा सकती हैं. पिंक न लगाएं. बेज, ब्राउन, ग्रीन जैसे शेड्स लगाएं. इसी तरह आईब्रोज के नीचे सिल्वर कलर कभी इस्तेमाल न करें. इसे डार्क गोल्ड या ब्रौंज गोल्ड से हाईलाइट करें. मसकारा के 2 कोट लगाएं ताकि आंखें बहुत बड़ी और सुंदर दिखें. काजल अच्छी तरह लगाएं. कजरारी आंखें अच्छी लगती हैं आजकल स्मज्ड काजल ट्रैंड में है. इस से आंखें बहुत सुंदर और बड़ी दिखती हैं. मसकारा के 2 कोट लगाने के बाद आईलैशेज कर्लर से कर्ल कर लें. इस से आंखें बहुत प्यारी और बड़ी लगती हैं. अगर लैशेज छोटी हैं तो आईलैशेज बाजार में मिलती हैं. वे लगा लें. परमानैंट आईलैशेज भी लगा सकती हैं.

बालों का कलर

सांवली लड़की को अपने बाल कलर कराने हों तो ब्राउन या बरगंडी या फिर चोकलेट कलर कराएं. ऐश कलर या गोल्ड कलर कभी भी न कराएं. इस बारे में ग्रुशा खन्ना कुछ टिप्स दे रही हैं:

-डस्की स्किन टोन पर ट्रांसलूसेंट नहीं बल्कि बनाना पाउडर यूज करना बेहतर होता है वरना फेस बहुत ज्यादा व्हीटिश लगेगा.

-डस्की स्किन टोन पर डार्क सर्कल्स और पिगमैंटेशन छिपाने के लिए औरेंज कलर करैक्टर की जगह स्किन टोन से 2 शेड डार्क कंसीलर यूज करना चाहिए.

-औरेंज कलर का ब्लश ज्यादा हाईलाइटिंग करता है.

-हाईलाइटिंग कंसीलर हमेशा स्किन से एक टोन लाइट होना चाहिए ताकि वह आप को ज्यादा व्हीटिश लुक न दे.

– हमेशा क्रीम कंटूर के ऊपर पाउडर कंटूर यूज करना चाहिए ताकि वह लौक हो जाए और लौंग लास्टिंग रहे.

-लिपस्टिक हमेशा आउटफिट के कौंप्लिमैंटरी हो. अगर ऐसा नहीं है तो आप को डार्क पिंक रैड या औरेंज शेड यूज करने चाहिए.

– स्किन के साथ ग्लिटर आईज मेकअप भी काफी अच्छा लगता है. इस से आंखें और खूबसूरत लगती हैं. आंखों पर ग्लिटर का प्रभाव डस्की स्किन को और निखार देता है.

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