सवाल-

मैं विवाहित महिला हूं. 4 साल का बेटा है. पति सरकारी नौकरी करते हैं. समस्या यह है कि ससुराल वालों के कहने पर मेरे पति मेरे साथ मारपीट व गालीगलौज करते हैं और बातबात पर दूसरी शादी करने व तलाक देने की धमकी देते हैं. घरेलू हिंसा से परेशान हो कर मैं अपने बेटे के साथ मायके रहने चली गई. कुछ समय पहले मेरे पिता का देहांत हो गया तो मैं ससुराल वापस आ गई. लेकिन पति व ससुराल वालों का मेरे प्रति रवैया अभी भी वैसा का वैसा ही है. ससुर अकसर धमकी देते हैं कि उन की पहुंच ऊपर तक है. दरअसल, मेरी ननद पुलिस में दारोगा है, इसी बात का वे मुझ पर रोब जमाते रहते हैं. मैं बहत परेशान हूं. उचित सलाह दें.

जवाब-

पहले आप अपने पति से अकेले में प्यार से बात करें और समझाने की कोशिश करें. फिर भी बात न बने तो आप अदालत में जज के समक्ष अपनी सुरक्षा के लिए बचावकारी आदेश ले सकती हैं.

पति या ससुराल पक्ष द्वारा पत्नी का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मौखिक, मनोवैज्ञानिक या किसी भी प्रकार का यौन शोषण किया जाना घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है और कोई भी पीड़ित महिला या उस का पड़ोसी या परिवार का कोई भी सदस्य अपने क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शिकायत दर्ज करा कर बचावकारी आदेश हासिल कर सकता है. इस कानून का उल्लंघन होने की स्थिति में पीड़ित करने वाले को जेल के साथसाथ जुर्माना भी हो सकता है.

आप भी अपने साथ हो रहे अन्याय व प्रताड़ना के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के अंतगर्त ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज करा कर न केवल ससुराल में रहने का अधिकार पा सकती हैं, बल्कि मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का मुआवजा की मांग भी कर सकती हैं.

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