उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की रहने वाली वर्निका शुक्ला खुद को उत्तर प्रदेश की पहली प्लस साइज मौडल बताती हैं. उन्होंने नैशनल लैवल की कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीती हैं. वे मौडलिंग करती हैं और साथ ही सिंगल मदर्स के लिए ‘मर्दानी द शेरो’ संस्था भी चलाती हैं. वे टीचर हैं. वे इतने काम करती हैं कि उन्हें देख कर कोई यह नहीं कह सकता कि प्लस साइज सुंदर नहीं होता. वर्निका शुक्ला कहती हैं, ‘‘भारत में औरतों की 36-24-36 फिगर को परफैक्ट माना जाता है, जबकि यहां ज्यादातर लोगों को महिलाओं की कर्वी बौडी शेप अच्छी लगती है. विद्या बालन जैसी अभिनेत्री प्लस साइज के बावजूद सफलता के मानदंड स्थापित कर चुकी हैं.’’
प्लस साइज को ले कर फैशन की दुनिया बदल चुकी है. वर्निका बताती हैं कि अब फैशन वीक में प्लस साइज का अलग राउंड होता है. फैशन के तमाम स्टोर ऐसे हैं, जिन में प्लस साइज के कपड़े मिलते हैं. ऐसे कपड़ों के लिए प्लस साइज मौडलिंग की जरूरत होती है. ऐसे में अब प्लस साइज को ले कर परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब इस की पहचान बन रही है.
साइज नहीं सोच बदलिए
समाज में तमाम तरह के लोग रहते हैं. इन में बहुत सारे ऐसे होते हैं जो मोटे होने के बाद भी अपना काम सही तरह से करते हुए ऐक्टिव रहते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं जो उतने मोटे तो नहीं होते हैं पर परेशान रहते हैं. अपने मोटापे को कम करने में ही लगे रहते हैं.