कालेज में हमेशा लड़कियों के बीच घिरा रहने वाला रोहित अब तक4 लड़कियों को पूरापूरा भरोसा दिला चुका था कि वह बस, उस का है और किसी का नहीं. रोहित ने हर एक के साथ अलगअलग समय पर घूमनेफिरने, मौजमस्ती करने के लिए एक शेड्यूल भी तैयार कर रखा था. रोहित का कहना है, ‘‘कालेज में किताबों से जब बोर हो जाता हूं तब यह सब काम कर के मुझे आनंद आता है. साथ ही टाइम भी पास हो जाता है. मूड भी हमेशा अच्छा बना रहता है. हालांकि रोहित उन 4 लड़कियों में से किसी से भी प्रेम नहीं करता था. बस, वह उन के साथ लव गेम खेल रहा था. लव गेम यानी प्यार का खेल. यह वह लव गेम है, जो शादी से पहले भी खेला जाता है और शादी के बाद भी. इस के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता है. 16 साल की कुंआरी कन्या से ले कर 50 वर्ष का शादीशुदा पुरुष व महिला भी इस गेम को खेल सकते हैं. इस लव गेम को फ्लर्टिंग कहें तो ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इसे समाज द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और लोग इसे बुरी नजर से देखते हैं.
क्या है फ्लर्टिंग
आनंद प्राप्त करने और टाइमपास करने के लिए प्यार का झूठा नाटक फ्लर्टिंग कहलाता है. फ्लर्टिंग की प्रवृत्ति अधिकतर लोगों में पाई जाती है. कालेज में अकसर लड़के अपने साथ पढ़ने वाली लड़कियों के साथ और कभीकभी तो अपनी प्रोफेसर्स के साथ ही फ्लर्टिंग शुरू कर देते हैं. हालांकि उन्हें उस समय नहीं पता होता कि इस फ्लर्टिंग का अंजाम क्या होने वाला है. यह फ्लर्टिंग काफी लंबे समय तक भी चलती है और कई बार इस की उम्र बहुत छोटी होती है. ऐसा नहीं है कि फ्लर्टिंग सिर्फ लड़के ही करते हैं, लड़कियां भी फ्लर्ट करने में पीछे नहीं हैं. लड़कियां भी लड़कों के साथ फ्लर्ट करने में उन का पूरा साथ देती हैं. यह उन के लिए भी आनंदायक होता है, साथ ही उन का भी टाइमपास हो जाता है. उन्हें रोजरोज किसी को अपनी नई डे्रस दिखाने का भी मौका मिल जाता है और अपनी फरमाइशों से वे लड़कों की जेब भी हलकी करा लेती हैं.