अनीता एक 32 साल की महिला है जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है. वह और उस के पति रोज सुबह ही काम पर निकल जाते थे. पति दिन भर ऑफिस में अपनाटारगेट पूरा करने की डेडलाइन से जूझता था. कंपनी में सब ठीक नहीं चल रहाथा इसलिए उसे अक्सर बॉस और कुलीग्स की तीखी आलोचनाएं भी सुनने को मिलजाती. इस वजह से शाम को वह बहुत थकाहारा और परेशान सा लौटता. अनीता भीअपने ऑफिस में दिन भर काम करती थी. शाम को थकी हुई घर लौटती तो किसी नकिसी बात पर बच्चों पर बरस पड़ती. फिर खाना बनाने में जुट जाती. पति कामूड भी खराब रहता. छोटी छोटी सी बात पर दोनों के बीच झगड़े भी हो जाते.पति और बच्चों की अलग अलग फरमाइशें पूरी करते करते वह चिड़चिड़ी हो गईथी. घर में पैसों की कमी नहीं थी मगर रातदिन की कलह ने घर का माहौल बिगाड़ रखा था. पति का व्यवहार रुखा रहने की वजह से बच्चे भी विद्रोही हो चले थे. अनीता अपने जीवन से निराश रहने लगी थी. उसे लगता जैसे उस के जीवन कीसमस्याएं कभी ख़त्म ही नहीं हो सकतीं और जिंदगी ने उसे बहुत दुःख दिए हैं.एक दिन अनीता ने एक कामवाली रखी जो सुबहसुबह आ जाती और उस के घरेलू कामोंमें मदद कर देती थी. कामवाली यानी अंजू के दो छोटे बच्चे थे. पति पेंटरथा जिसे कभी कभी ही काम मिलता था. अंजू खुद 3 घरों में काम करने जाती थी.वह पूरे दिन काम करती और शाम में घर पहुँचती. उस के पास एक कमरे का छोटासा घर था और कोई बैंक बैलेंस भी नहीं था. फिर भी वह बहुत खुश रहती. किसीदिन थोड़ी परेशान दिखती भी तो अगले दिन मुस्कुराती हुई नजर आती. अनीता जब भी उसे गौर से देखती तो उस के चेहरे की संतुष्टि और ख़ुशी सेचकित रह जाती. वह उस से अपनी तुलना करती तो लगता जैसे इतनी गरीबी में भ वह उस से बहुत ज्यादा खुश है. एक दिन अंजू बारिश में भीगती काम करने आ तो उसे सर्दी लग गई. तब अनीता ने उसे अपना पुराना छाता दे दिया और चाय