अमेरिकी भविष्यवेत्ता, आविष्कारक व लेखक रे कुर्जवील रोजाना 2 दर्जन गोलियों का सेवन करते हैं. उन्हें कोई बीमारी नहीं है, पर वे भविष्य का एक सपना देख रहे हैं, जिसे साकार करने के लिए वे दवा की इतनी गोलियां रोजाना खाते हैं. उन का मानना है कि अब साइंस की मदद से इंसान की उम्र बढ़ाई जा सकती है.
साइंस जिस तरह से उम्र बढ़ाने का सपना पाले हुए है, उसे देख कर यह संभावना अब ज्यादा दूर नहीं लगती कि इंसान की औसत आयु में 15 से 20 साल का इजाफा हो सकता है और वह सौ के पार जा कर भी सक्रिय जीवन जी सकता है. इस के लिए वैज्ञानिक कईर् तरह के प्रयोग और खोजबीन कर रहे हैं.
हाल ही में एक ऐसी ही खोज में उन्हें जेलीफिश परिवार के एक सदस्य हाइड्रा नामक जीव में ऐसे संकेत मिले हैं जिन्हें अमरत्व की अवधारणा के करीब माना जा रहा है. अमेरिका के पामोना कालेज के एक शोधकर्ता डेनियल मार्टिनेज के अनुसार, ‘‘यह जीव बढ़ती उम्र को मात देने में सक्षम पाया गया है. लगभग 1 सेंटीमीटर लंबे हाइड्रा के शरीर की स्टेम सैल (कोशिकाओं) में यह खूबी पाई गई है कि वे खुद को नए स्टेम सैल से लगातार बदलते रहते हैं यानी शरीर से पुरानी कोशिकाएं खुद ही हटती जाती हैं और नई कोशिकाएं उन का स्थान लेती रहती हैं. इस से हाइड्रा का शरीर एकदम नया बना रहता है. इस खोज से इंसान की उम्र लंबी होने की संभावना बढ़ गई है.
कब होगा करिश्मा
दिसंबर, 2015 में दिल्ली के एक कार्यक्रम में शामिल हुए वैज्ञानिक डा. एब्रे डि ग्रे (सैल रिसर्च फाउंडेशन के चीफ साइंस औफिसर) ने भी इस के बारे में एक अनुमान लगाने की कोशिश की थी. उन्होंने इस की पूरी उम्मीद जगाई है कि अगले 15 वर्ष में यह संभव हो सकता है कि इंसान कम से कम सौ साल तो जीए ही. बढ़ती उम्र रोकने वाली दवाओं के अनुसंधान पर काम कर रहे डा. ग्रे के मतानुसार कोशिकाओं के क्षरण को रोक कर और शरीर में मौजूद मालेक्यूल्स की चाल पलट कर बढ़ती उम्र को कुछ हद तक थामा जा सकता है, जिस से सौ साल की जिंदगी को एक आम बात बनाना मुमकिन है.