शहर की सड़कों पर बरातों का निकलना आम बात है. इन की वजह से सड़क संकरी हो जाती है और सड़कों पर जाम लगने लगता है. यदि बरात चौराहे पर हो तो फिर चारों तरफ के रास्तों पर लंबा जाम लग जाता है. राहगीर हौर्न बजाते रह जाते हैं जबकि लोग नाचने में मगन रहते हैं. मेरे शहर की बरातों का तो क्या कहना, बरातियों का जोश देखते ही बनता है. बरात में नागिन डांस मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है. इस डांस के लिए बरातियों में बड़ा जोश दिखाई देता है. कुछ युवा तो इस डांस के लिए जम कर प्रैक्टिस भी करते हैं.  नागिन डांस करने वाला एक बराती रूमाल का एक छोर मुंह में दबा कर और दूसरा छोर हाथ में पकड़ कर सपेरा बन जाता है और बीन बजाने का अभिनय करता है जबकि दूसरा बराती नागिन की तरह डोलता है और बीचबीच में नागिन की तरह फुंफकारता भी है.

कपड़ों की परवा किए बिना दोनों नागिन की धुन पर डांस करतेकरते सड़क पर लेट भी जाते हैं. यह तो एक उदाहरण है जो सड़कों पर निकलने वाली बरातों का आम नजारा पेश करता है. इस तरह के कई और डांस हैं जो बरात के चिरपरिचित हिस्सा हैं.  बरात में दूल्हे के दादादादी, नानानानी, मातापिता, चाचाचाची, भाईबहन, जीजाबहन से ले कर सारे करीबी और दूर के रिश्तेदारों को एकएक कर के डांस करने के लिए जबरदस्ती पकड़ कर लाया जाता है. कुछ तो डांस करने के इच्छुक ही रहते हैं. दूल्हे के मित्रगण बरात में डांस करने के लिए शराब का सेवन भी करते हैं और इस बाबत दूल्हे से पहले ही कमिटमैंट कर उचित राशि प्राप्त कर ली जाती है. अब तो बरात में महिलाएं भी डांस करने में पीछे नहीं हैं. वे भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं.  इतने सारे लोग जब एक बरात का हिस्सा बनेंगे तो बरात को गंतव्य तक पहुंचने में समय तो लगेगा ही. जिस का खमियाजा सड़क पर चलने वाले राहगीरों को उठाना पड़ेगा. इन सब बातों से बरातियों को कोई लेनादेना नहीं. उन्हें तो बस अपना उत्साह दिखाना है. कुछ ऐसे भी राहगीर देखने को मिल जाएंगे जिन्हें डांस करने का बड़ा शौक होता है. वे भी इन बरात में अपनी नृत्यकला का प्रदर्शन करने से नहीं चूकते.

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