आपने इंसानों को गोल्ड मेडल मिलते सुना होगा लेकिन क्या कभी किसी चूहे को गोल्ड मेडल मिला ऐसा सुना है क्या....है न हैरान कर देने वाली बात की एक चूहे को मिला गोल्ड मेडल लेकिन हां ऐसा वाकई में हुआ है दरअसल जिस चूहे की बात हो रही है वो कोई मामूली चूहा नहीं है बल्कि इस चूहे का कारनामा आपको हैरान कर देगा.जी हां चूहे को यूहीं ये गोल्ड मेडल नहीं मिला है बल्कि इसे इसकी बहादुरी के लिए मिला है.दरअसल इस चूहे का नाम मागावा है और ये अफ्रीकी नस्ल का कंबोडिया का चूहा है इसका कारनामा ये है कि इसने कंबोडिया में अपने सूंघने की शक्ति का इस्तेमाल करके 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया है.इसकी सूंघने की इस क्षमता के कारण इसने लाखों लोगों की जान बचाई है.उसकी समझदारी का कोई जवाब ही नही है.

कंबोडिया में अपने इस कारनामें से ये चूहा सबका चहेता बन बैठा.लोग इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं और तो और तो और इसकी खबर और तस्वीर दुनिया भर में वायरल हो रही है.अब बात भी तो कुछ ऐसी ही थी.सोचने वाली बात है कि अगर 39 बारूदी सुरंगें फट जाती तो क्या होता...? लाखों लोगों की जान चली जाती लेकिन इस बहादुर चूहे ने ऐसा होने नहीं दिया. काम के दौरान इस चूहे ने 28 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाया और हजारों लोगों की जान बचाई.ये वाकई काबिले तारीफ है.

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मागावा नाम के इस चूहे को इस बहादूरी के काम के लिए चैरिटी संस्था एपीओपीओ ने प्रशिक्षित किया था. इस चैरिटी संस्था ने बताया कि मागावा ने अपने काम से कंबोडिया में 20 फुटबॉल मैदानों के बराबर के क्षेत्र को बारूदी सुरंगों और विस्फोटकों से बचाने का काम किया है. मागाव जैसे कई चूहों को एक चैरिटी संस्था एपीओपीओ ट्रेंड करती है. ये संस्था बेल्जियम में रजिस्टर्ड है और अफ्रीकी देश तंजानिया में काम करती है. ये संस्था 1990 से ही मागावा जैसे विशाल चूहों को ट्रेनिंग दे रही है. जिसकी मदद से कई बड़े कामों में चूहों की मदद ली जाती है.एक चूहे को ट्रेंड बनाने में इस संस्थान को एक साल का समय लगता है. इसके बाद उस चूहे को हीरो रैट की उपाधि दी जाती है. पूरी तरह ट्रेंड और प्रमाणित होने के बाद ये चूहे स्निफर डॉग की तरह काम करते हैं. तभी तो आज इस मागावा नाम के चूहे ने इतना बड़ा कारनामा कर दिखाया और इसलिए ही इसे ये गोल्ड मेडल मिला.

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