औरतों के लिए वियाग्रा जैसी दवा को अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने अप्रूव कर दिया है. अब समझ लें कि यह मर्दों के लिए आफत हो सकती है. अपनी यौन इच्छा बढ़ाने के लिए अगर पत्नियों ने यह दवा लेनी शुरू कर दी तो पति को न केवल बिस्तर पर कलाबाजियां ज्यादा करनी होंगी और तृप्त हो कर सोई पत्नी के छोड़े गए काम भी पूरे करने होंगे. आजकल बहुत सी पत्नियां देर रात तक रसोई में खटपट करती रहती हैं कि पति सो जाए और बिस्तर पर परेशान न करे. लेडी वियाग्रा लेने पर वह काम छोड़ कर चली आएगी और स्वाभाविक है कि वह काम पूरा करने के लिए पति को मुंडू बनना पड़ेगा. अगर विवाहपूर्व प्रेमिका ने यह दवा लेनी शुरू कर दी तो भावी पति को न केवल रेस्तराओं में चायपकौड़े के पैसे देने होंगे, उन्हें बिस्तर का इंतजाम करने के लिए जेब और ढीली करनी होगी.

देश के मर्द वैसे ही परेशान रहते हैं कि वे कहीं नामर्द तो नहीं हैं. निस्संतान औरतों का इलाज करने वाले इतने विज्ञापन नहीं दिखते जितने पुरुष की कमजोर क्षमता वाले दिखते हैं. लेडी वियाग्रा के बाद मर्दों को अपनी हैसियत और ज्यादा बढ़ानी होगी और उन्हें पत्नी को खुश रखने के लिए डाक्टरों, नीमहकीमों के चक्कर लगाने होंगे. मर्दों को चाहिए कि वे जल्दी ही जंतरमंतर पर धरना दें कि उस दवा को भारत में मैगी की तरह बैन किया जाए ताकि 2 सैकंड वाले पतियों की पोलपट्टी न खुले. यह दवा निस्संदेह पतियों के लिए हानिकारक है. यह  उन का दिन भी खराब करेगी और रात का तो कहना ही क्या. दिन में ऊंघने पर दफ्तर में डांट पड़ेगी और रात को बिस्तर पर परफौर्म न करने पर पत्नी की. एड्डी नाम से जाने जानी वाली यह दवा मर्दों की हेकड़ी निकाल देगी, इतना पक्का है.

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