जब बात लड़की देखनेदिखाने की चलती है तो आंखों के सामने एक सहमीसकुचाई, हाथ में चाय की ट्रे और सिर पर पल्लू डाले आहिस्ताआहिस्ता मेहमानों की तरफ बढ़ती लड़की का चेहरा घूम जाता है. मध्य व निम्न मध्यवर्गीय परिवारों में लड़की देखनेदिखाने के लिए विशेष तैयारी की जाती है. घर को क्रिकेट पिच की तरह ट्रीट किया जाता है और परिवार के सदस्यों को फील्डरों की तरह उन के काम व भूमिका से पहले ही अवगत करा दिया जाता है.
अच्छा रिश्ता हाथ से न निकले, इस के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाती. खास अवसरों के लिए सहेज कर रखा गया सामान मसलन, महंगी बैडशीट्स, निटिंग आइटम्स, महंगी क्रौकरी आदि इस मौके पर निकाली जाती है. सब कुछ चकाचक कर दिया जाता है. उचित भी है. आखिर यह शादीविवाह का प्रथम चरण भी तो होता है. इस में कोताही क्यों बरती जाए?
अगर आप की बेटी को भी लड़के वाले देखने आ रहे हैं, तो इन बातों पर गौर फरमाना न भूलें:
- लड़के वालों को घर इन्वाइट करने से पहले लड़के व उस के परिवार के बारे में खोजबीन कर लें. मसलन, लड़के को नशेखोरी की लत तो नहीं, कहीं वह तलाकशुदा तो नहीं, उस के परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति क्या है.
- अपनी आर्थिक हैसियत के मुताबिक ही खर्च करें. अनावश्यक दिखावा व फालतू खर्च न करें.
- इस दौरान बेटी को शालीन संतुलित रहने की सलाह दें.
- यदि लड़का लड़की अकेले में बात करना चाहते हैं, तो उन्हें पूरा मौका दें. यदि वे बाहर जाना चाहते हैं तो भाभी, छोटा भाई अथवा बहन को साथ भेजें.