कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ज्यादातर ऑफिसों में सीमित कर्मचारियों के साथ काम संपन्न हो रहे हैं. इन्फोसिस, गोल्डमैन सैश, गूगल जैसी कंपनियों ने भी ज्यादातर कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है.
आज लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं . खासकर वे कर्मचारी घर से ही अपना उत्तरदायित्व निभा रहे हैं जिन का काम ऑफिस आए बगैर चल सकता है और यह उचित भी है.
पर जब बात महिलाओं की आती है तो कहीं न कहीं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वर्क फ्रॉम होम उन के लिए कई परेशानियां भी ला रहा है मसलन;
वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी कुछ परेशानियां
एक महिला जब घर में होती है तो पूरे दिन वह घर के छोटेबड़े कामों में उलझी रहती है. बहू के पीछे में सास भले ही घर के काम संभाल ले मगर जब बहू घर में हो तो मजाल है कि वह अपनी कुर्सी से हिल भी जाए. पूरे दिन घर संभालतेसंभालते महिला इतनी थक जाती है कि कई दफा ऑफिस के काम के साथ पूरा न्याय नहीं कर पाती.
घर में महिला को लगातार अपने बच्चों को भी देखना पड़ता है. जब वह ऑफिस में होती है तो बच्चों की चिंता नहीं करनी पड़ती. घर में कोई न कोई उन्हें संभाल ही लेता है. पर घर से काम करने वाली महिलाओं के ऊपर ऑफिस वर्क के साथसाथ चाइल्ड वर्क भी आ जाता है. ऐसे में महिला अपना दिमाग एकाग्र नहीं कर पाती. उसे दूसरे सभी कामों को प्रेफरेंस देना पड़ता है. बस अपने ऑफिस के काम को ही पेंडिंग रखना मजबूरी बन जाती है.