योगी सरकार ने देश के शिल्पियों के हुनर को जीआई उत्पाद के रूप में विश्व में पहचान दिलाई है. जिससे कोरोना काल में भी जीआई उत्पादों पर लोगों का भरोसा रहा और मांग बनी रही. लॉकडाउन में जब दुकानें बंद रही तब भी इस उत्पाद की बिक्री देश और विदेशों में ऑनलाइन माध्यम से होती रही. वाराणसी के एक उद्यमी ने योगी सरकार के स्टार्टअप योजना का लाभ उठाते हुए कोविड काल में जीआई उत्पादों का लाखों का क़ारोबार कर लिया है. आप को जानकर ताज़्जुब होगा की ये कोराबार सिर्फ़ ऑनलाइन हुआ है. प्रतीक बी सिंह नाम के इस युवा उद्यमी के वेब साइट पर सिर्फ जीआई उत्पाद ही बिकते है. लेकिन अब प्रतीक ने कुछ ओडीओपी उत्पादों को भी ऑनलाइन प्लेटफार्म देना शुरू किया है.

आईएएस बनने की चाह रखने वाले इस युवा को स्टार्टअप योजना ने आसमान में उड़ने की राह दिखा दी है. अब प्रतीक उन हुनरमंद लोगों को भी प्लेटफार्म दे रहे हैं, जिन्होंने अपने हुनर का लोहा पूरी दुनिया से मनवाया है. 370 जीआई उत्पादों में से देश के 299 जीआई उत्पादों (जिनमे से उत्तर प्रदेश से अकेले 27 जीआई उत्पाद है) को एक जग़ह शॉपिंगकार्ट 24 नामक इ -कॉमर्स की साईट पर लाकर भारत के हस्तकला शिल्पियों की हुनर को पूरे विश्व में पहुँचा रहे है. खाने, सजाने, संगीत, खिलौने, पहनने से लेकर हर रोज़ इस्तेमाल होने वाली जीआई उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री देश और विदेशो में खूब हो रही है. वाराणसी का लकड़ी का ख़िलौना, बनारसी साड़ी, गुलाबी मीनाकारी , पंजादारी, ज़री जरदोजी , सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल, गोरखपुर का टेराकोटा, गाज़ीपुर की वाल हैंगिंग आदि उत्पादों की अमेरिका समेत कई देशों में भारी मांग है. जीआई उत्पाद की ख़ास बात ये होती कि ये सभी उत्पाद हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट उत्पाद होते हैं.

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