उस की बातों पर अखिल की बोलती बंद हो गई क्योंकि सच यही था कि पैसे के लालच में ही उस ने इस रिश्ते के लिए हामी भरी थी. अब तो संजना और भी ढीठ हो गई. अब तो वह रात में भी दोस्तों के साथ बाहर जा कर गुलछर्रे उड़ाती और जब घर आती तो नशे में धुत्त होती. लेकिन अब अखिल और उस के परिवार के पास चारा भी क्या था यह सब सहने के सिवा.
लेकिन एक रोज जब अखिल और उस के परिवार को यह बात पता चली कि शादी के पहले भी संजना के कई लड़कों के साथ अंतरंग संबंध थे और वह 2 बार अपना गर्भपात भी करवा चुकी है, तो उन के पैरोंतले जमीन सरक गई. उन्हें लगा, कितनी बड़ी गलती हो गई उन से. दरअसल, संजना के मांपापा अपनी बिगडै़ल बेटी से परेशान हो चुके थे. उन्हें लगा था कि अगर उन की बेटी की शादी हो जाए तो शायद वह सही रास्ते पर आ जाएगी और इसी कारण उन्होंने अपनी बिगड़ैल बेटी की शादी एक मध्यवर्गीय परिवार में, जिन्हें पैसे की बहुत जरूरत थी, कर दी.
अखिल बोले जा रहा था, ‘‘‘तो हमें धोखे में रख कर एक बदचलन लड़की को मेरे पल्ले बांध दिया गया?’ यह कह कर मैं ने सामने की मेज पर जोर से अपना हाथ पटका, तो संजना व्यंग्य से हंसते हुए बोली, ‘तो, तुम्हें क्या लगा, तुम भा गए थे मुझे? बड़े आए, तुम्हारे जैसे को तो मैं अपना नौकर भी न रखूं कभी, पर पापा को अपनी इज्जत की पड़ी थी, इसलिए वे तुम्हें खरीद लाए, समझे?’ कह कर वह जोर से हंसी, जो मुझे सहन नहीं हुआ.