कंचन ने जिस सुधीर को विकलांग होते हुए भी अपनाना अपना धर्म समझा था उसी सुधीर ने आज उस के पत्नी होने के अस्तित्व को ललकारा था. आज उस के सामने सुधीर का दोहरा चरित्र जाहिर हो गया था.