मां की जिद के आगे प्रमोद को प्रभा के बजाय कविता से विवाह करना पड़ा. दो पाटों में बंटे प्रमोद को न कविता से कोई शिकायत थी न ही वह प्रभा के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ सकता था.