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पिछला भाग- 3 सखियां: भाग-5

लंबाचौड़ा, भूरी आंखें, घनी बरौनियां, घुंघराले बाल और जब वह अपनी टूटीफूटी अंगरेजी में बात करता है तो और भी प्यारा लगता है.’’ आभा उसे एकटक देखती रही. फिर बोली, ‘‘ओह, रितिका तेरा क्या होगा? तू तो बचकानी हरकत कर रही है. तेरे इस प्यार का क्या अंजाम होगा कुछ सोचा भी है? जब निरंजन को इस बारे में पता चलेगा तो वे क्या कहेंगे?’’

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‘‘पता नहीं, लेकिन मैं बस इतना जानती हूं कि ऐंटोनियो के बिना मेरा जीना मुश्किल है. निरंजन जब मेरे जीवन में आए तो वह महज एक समझौता था. वह शादी मैं ने सिर्फ पैसे के लिए की थी. लेकिन ऐंटोनियो के लिए मेरा प्यार एक जनून है, एक पागलपन है.’’

‘‘और तेरा ऐंटोनियो इस बारे में क्या कहता है?’’

‘‘वह भी मुझे जीजान से चाहता है. मुझ से शादी करना चाहता है.’’

‘‘शादी?’’ आभा चौंक पड़ी, ‘‘रितिका, शादी एक बहुत बड़ा कदम है. कहीं तू कुएं से निकल कर खाई में न गिर जाए. आखिर वह शख्स तेरे लिए अजनबी ही तो है. तू उस के बारे में कुछ भी तो नहीं जानती.’’ ‘‘जानती हूं. मैं ने सब पता लगा लिया है. ऐंटोनियो खानदानी रईस है. उस की रगों में शाही खून दौड़ रहा है. उस के पास बेशुमार दौलत है. इटली में रोम के पास ही एक टापू पर उस का महल है और वह अपने मातापिता का अकेला वारिस है. उस ने मुझे न्योता दिया है कि मैं इटली आऊं और उस के घर को देखूं, उस के परिवार से मिलूं.’’

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