बिस्तर पर लेटी अंजलि की आंखों से नींद कोसों दूर थी. वह बिस्तर पर लेटीलेटी सोच रही थी कि उस की जिंदगी में यह उथलपुथल कैसे मच गई? पूरी रात आंखों में ही कट गई. उसे सुबह 10 बजे तक औफिस पहुंचना था पर उस का मन ही नहीं हुआ. वह सोचने लगी...पिछले साल ही तो उस की शादी अमन से धूमधाम से हुई थी. अमन को वह काफी समय पहले से जानती थी. दोनों कालेज में साथ ही पढ़ते थे. अकसर दोनों के घर के लोग भी मिलतेजुलते रहते थे. किसी को भी इस शादी से कोई परेशानी नहीं थी. अत: लव मैरिज बनाम अरेंज्ड मैरिज होने में कोई परेशानी नहीं हुई. शादी के बाद अमन ने अंजलि को बहुत प्यार और सम्मान से रखा. इसीलिए अमन से शादी कर के अंजलि स्वयं को बहुत खुशहाल समझ रही थी.
समस्या तब उत्पन्न हुई जब उस रात वह फोन आया. फोन अमन के लिए था. कोई महिला थी. उस ने अंजलि से कहा, ‘‘प्लीज अंजलि फोन अमन को दो.’’
फोन सुनते ही अमन बहुत बेचैन हो गए. अंजलि ने पूछा तो बोले, ‘‘मेरी चाची का फोन है,’’ और फिर बिना कुछ कहेसुने तुरंत चल गए.
सुबह के 4 बजे लौटे तो बेहद उदास और परेशान थे. अंजलि ने उन्हें परेशान देखा तो उस समय कुछ भी पूछना उचित नहीं समझा. सोचा कल आराम से सब पूछ लेगी. पर सुबह घर के कामों से उसे समय नहीं मिला और रात में वह कुछ पूछती उस से पहले ही फिर उस का फोन आ गया.
अंजलि के फोन उठाते ही उस महिला ने कहा, ‘‘अंजलि फोन जल्दी से अमन को दो.’’