तुम्हें क्या पता है वह जिन दोस्तों की पत्नियों के साथ फ्लर्ट करने का मन बनाता था उन दोस्तों को व्यस्त करने के लिए वह मुझे उन के साथ फ्लर्ट करने के लिए उकसाता था. मैं आखिर कितना सैक्रीफाइस करती... डर्टी माइंड, रास्कल को छोड़ने के अलावा मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था.’’
नित्या की आवाज आवेश में इतनी ऊंची हो गई थी कि पूरा बाररूम उस की तरफ देखने लगा. अनुज के नशे और रोमांस पर बेचैनी हावी हो गई. वह उठ खड़ा हुआ. उस ने नित्या का हाथ पकड़ कर कहा, ‘‘चलो, कमरे में चल कर बात करते हैं.’’
‘‘मुझे और पीनी है.’’
‘‘हां, चलो कमरे में मंगवाते हैं,’’ कह वह नित्या का हाथ पकड़ कर कमरे की ओर चल दिया.
नित्या लड़खड़ा रही थी. अनुज उसे सहारा दे कर कमरे तक लाया. रास्ते में नित्या का प्रवाह जारी था, ‘‘मैं... अगर उसे नहीं छोड़ती तो वह मुझे स्वैपिंग तक ले जाता. रास्कल, हिप्पोक्रेट...’’
कमरे में आ कर अनुज को राहत महसूस हुई. आते ही नित्या पलंग पर लेट गई और बोली, ‘‘मेरी ड्रिंक कहां है?’’
अनुज इतनी पीनेका आदी नहीं था. यदाकदा पीता था. आज वह पहले ही ज्यादा पी चुका था, परंतु कमरे में आ कर उस के मन में नित्या के साथ होने के रोमांस ने नशे की तलब बढ़ा दी थी. बाररूम में तो जैसे वह एक अदृश्य तनाव की उपस्थिति में इस रोमांच को नहीं जी पाया था. अब यहां नित्या के साथ इस एकांत में अचानक मुलाकात के सुख को जीने की लालसा से भर गया. वहां तुरंत सहमत हो गया और बोला, ‘‘अभी व्यवस्था करता हूं.’’