मेरी उंगलियां गिटार के तारों पर लगातार थिरक रही थीं और कंठ किसी मशहूर इंगलिश सिंगर के गानों की लय में डूबता चला जाता था. मेरे सामने एक छोटी सी बच्ची जिस की उम्र लगभग 5 वर्ष रही होगी उस इंगलिश गाने की धुन पर थिरक रही थी. उस के गोलमटोल चेहरे पर घुंघराले बालों का एक गुच्छा बारबार लटक आता था जिसे वह बड़ी ही बेपरवाही से पीछे की ओर झटक देती और बीचबीच में कभी अपनी मम्मी तो कभी पापा की उंगलियों को थाम अपने साथ डांस करने के लिए सामने की मेज से खींच लाती.
बच्ची के मातापिता की आंखों में अपनी बच्ची के इंगलिश गानों के प्रति प्रेम व लगाव से उत्पन्न गर्व उन की आंखों से साफ झलक रहा था. इन इंगलिश गानों का अर्थ वह बच्ची कितना समझ पा रही थी, यह तो नहीं पता, परंतु हां फाइवस्टार होटल के उस डाइनिंगहौल में उपस्थित सभी मेहमानों के लिए वह बच्ची आकर्षण का केंद्र अवश्य बनी हुई थी.
मैं इस समय नील आइलैंड के एक फाइवस्टार होटल के डाइनिंगहौल में गिटार थामे होटल के मेहमानों के लिए उन की फरमाइशी गीतों को गा रहा था. यह डाइनिंगहौल होटल के बीच में केंद्रित था और इस से करीब 20 गज की दूरी पर कौटेज हाउस बने हुए थे, जिन की संख्या लगभग 25 से 30 होगी. लोगों के लिए गाना गा कर उन का दिल बहलाना मेरा शौक नहीं, बल्कि मेरा पेशा था. हां, संगीत का यह शौक कालेज के दिनों में मेरे लिए महज टाइम पास हुआ करता था.